Transporter मोनू वर्मा मानते है कि भाडे के रेट फिक्स होने चाहिए, फिक्स रेट से कम या ज्यादा लोड करने वाले पर लगनी चाहिए पेनाल्टी
मोनू वर्मा कहते है-कैश के बजाय चैक होने से ड्राइवर को रास्ते मे होती है दिक्कत
ट्रांसपोट्रर मोनू वर्मा पिछले दस सालों से ट्रांसपोर्ट लाइन में है। वे कैथल के रहने वाले है। उनके पास फिलहाल कोई ट्रक नहीं है। वह कमीशान बेस पर काम करते है। मोनू वर्मा सिर्फ मोबाइल का यूज करते है। उनका मानना है कि डिजिटल युग हर बिजनेस के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। ऐसे में यह ट्रांसपोर्टर लाइन के लिए भी मददगार साबित हाे रहा है। अब आनलाइन बुकिंग हो रही है। इससे समय काफी बच जाता है और ट्रांसपोर्टर को भी इससे फायदा होता है। मोनू वर्मा भी ऐसी सुविधा के साथ्थ जुडना चाहते है जिससे उन्हें आनलाइन माल मिल जाए। इस डिजिटल युग में होने वाली एक परेशानी उन्होंने ट्रक सुविधा के साथ शेयर की। उन्होंने बताया कि पहले माल लेकर जाते समय ड्राइवर के पास कैश होता था, जिससे रास्ते में पैसे की कोई जरूरत पडने पर वे अपना काम चला लेते थे। लेकिन अब ज्यादातर ड्राइवरों को चैक पकडा देते है जबकि उसे जरूरत कैश की होती है। यदि रास्ते में गाडी खराब हो जाए तो कैश कम होने के कारण उन्हें काफी दिक्कत होती है। कई बार तो ट्रक मालिक को पैसे लेकर ड्राइवर के पास भिजवाना पडता है। इससे समय और पैसा दोनों बर्बाद होता है। दूसरी चीज, गाडी में डीजल तो कैश ही डाला जाता है, इसलिए ड्राइवर के पास कैश होना चाहिए। मोनू वर्मा मानते है कि ट्रांसपोर्ट लाइन में कोई खास चेंज कुछ नही आया है । भाडे के रेट कई साल से नहीं बढे है। आज भी रेट पुराने ही चल रहे है। जबकि खर्चे पहले से काफी बढ गए है। उनका मानना है कि जब बार बार डीजल के रेट बढते है तो भाडा भी बढना चाहिए ? ओवरलोड को लेकर मोनू वर्मा की राय है कि अंडरलोड ट्रक के लिए फायदेमंद है। इससे टायर कम घिसते है और एक्सीडेंट का खतरा भी कम रहता है। लेकिन बढते खर्च को देखते हुए मजबूरी मेे ओवरलोड करना पडता ह। उनका कहना है कि ट्रांसपोर्ट लाइन में दिक्कत काफी बढ गए है। सबसे बडी दिक्कत माल के रेट और गाडियों पर खर्चे को लेकर है। उनका मानना है कि ट्रांसपोर्टर में एकता होनी चाहिए। भाडे के रेट फिक्स होने चाहिए अगर कोई ट्रांसपोर्टस फिक्स रेट से ज्यादा या कम रेट पर गाडी लोड करता है तो उस पर पनैल्टी लगनी चाहिए।
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