ऑनलाइन सिस्टम से पेपर वर्क आसान हो गया है : transporter-vivan
विवान जी मध्यप्रदेश के रहने वाले है। विवान जी ने ट्रांसपोर्टस लाइन की शुरूआत दो गाडियों से की थी। विवान जी मार्केट से गाडियों को लेकर माल को बुक करने का काम करते है। काम बहुत ही बढिया चल रहा है। विवान जी ने बताया कि ऑनलाइन सिस्टम से पेपर वर्क आसान हो गया है। अब गाडी के पेपर ऑनलाइन बना सकते है ऑनलाइन होने से काम जल्दी हो जाता है। विवान ने बताया कि अब पहले के मुकाबले गाडियां अब हाई क्वालिंटी की आने लगी है। ट्रांसपोर्टस के बिजनेस के ऑनलाइन होने से ट्रांसपोर्टस लाइन को यह फायदा सबसे ज्यादा हुआ है कि अब गाडियों को माल मिलने में आसानी होती है। गाडी के लिए माल ऑनलाइन ही बुक कर सकते है। विवान जी ने ई वे बिल पर अपने विचार रखते हुए कहा कि ई वे बिल के आने से बार्डर से बैरियर हट गए है। बैरियर हटने से अब गाडियों की बार्डर पर बार बार चैकिंग नही होती है और पहले हर राज्य में एंटरी करने पर अलग से एक पर्ची बनती थी अब पर्ची सिस्टम भी खत्म हो गया है। विवान जी ने बताया कि फास्ट टैग का गाडियों में लगे होने से काफी फायदा होता है। अब गाडियों को टोल बैरियर पर रूकने की जरूरत नही पडती है गाडियों में फास्ट टैग के लगे होने से गाडी को आसानी से टोल बैरियर से जाने दिया जाता है। विवान ने बताया कि गाडियों में जीपीएस के लगे होने से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फायदा होता है। गाडियों के गुम होने का खतरा नही रहता है। जीपीएस की सहायता से गाडी का हर समय पता रहता है कि गाडी कहा पर है। विवान जी गाडियों को अंडरलोड ही चलाते है उनका कहना है कि अंडरलोड गाडी चलाने से गाडी को नुकसान नही होता है। गाडी के ट्रायर सुरक्षित रहते है। विवान जी ने बताया कि ट्रांसपोर्टस लाइन में आए दिन कोई न कोई दिक्कत तो आती रहती है जैसे डीजल के रेट का बढना। गाडियों के इंश्योरेंस मंहगे होना। गाडी के स्पेयर पॉर्टस मंहगे होना। इन सब चीजो के चलते काम तो करना ही पडता है। विवान जी ने सुझाव दिया कि गाडी के खर्चे तो आए दिन बढते रहते है लेकिन गाडी के भाडे नही बढते है।
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