transporter-subhash ने अपनी मेहनत से बनाए 50 ट्रक

सुभाष चौधरी जी पंजाब में लुधियाना के रहने वाले है। सुभाष जी ने बताया कि 1999 में ट्रांसपोर्टस लाइन में काम की शुरूआत की थी। एक ट्रक के साथ ट्रांसपोर्टस के बिजनेस की शुरूआत की थी। सुभाष जी ने बताया कि ट्रांसपोर्टस लाइन में खूब मेहनत की ओर अपनी मेहनत के बल पर सुभाष जी ने 50 ट्रक बनाए जो कि उनकी ही मेहनत का ही नतीजा है। सुभाष जी ने बताया कि उनका ट्रांसपोर्टस का बिजनेस बहुत ही बढिया तरीके से चल रहा है। आज कल गाडियां भी नई तकनीक की आ गई है। सुभाष चौधरी जी ने बताया कि ई वे बिल के आने से ट्रांसपोर्टस लाइन में काफी अच्‍छा असर हुआ है। ई वे बिल के आने ये गाडी समय से माल पहुंचाकर वापिस आ जाती है। बार्डर पर अब समय वेस्‍ट नही होता है अब गाडियों को बार्डर पर से आसानी से जाने दिया जाता है। सुभाष जी ने बताया कि गाडियों में जीपीएस के लगे होने से गाडी के चोरी होने का खतरा भी कम ही रहता है। सुभाष जी ने बताया कि ट्रांसपोर्टस लाइन में फास्‍ट टैग बहुत ही फायदेमंद है। फास्‍ट टैग के चालू होने से अब टोल बैरियर पर समय वेस्‍ट नही होता है। ट्रांसपोर्टस का काफी समय बच जाता है। पहलेग टोल बैरियर पर खडे रहकर गाडी का भुगतान करना पडता था लेकिन फास्‍ट टैग के आने से टोल बैरियर पर वेस्‍ट होने वाला समय बच जाता है। फास्‍ट टैग की 24 घण्‍टें सुविधा उपलब्‍ध है। फास्‍ट टैग से टोल की पेमेंट करने से पैसो की बचत भी हो जाती है। सुभाष चाैधरी ने बताया कि वह गाडी को अंडर लोड चलाने से गाडी के टायर भी सुरक्षित रहते है। गाडी को अंडरलोड चलाने से गाडी को टोल भी ज्‍यादा नही चुकाना पडता है। गाडी में ओवरलोड डालने पर गाडी का टोल टैक्‍स ज्‍यादा वसूल किया जाता है। सुभाष जी ने सुझाव दिया कि हर बीस से तीन किलोमीटर के बाद रेट हाऊस की व्‍यवस्‍था होनी चाहिए ओर गाडी को खडे करने के लिए पार्किंग की व्‍यवस्‍था होनी चाहिए। जहां पर भी ट्रांसपोर्टस नगर है वहां पर ड्राइवरों के लिए मेडिकल की व्‍यवस्‍था होनी चाहिए ताकि ड्राइवरों को भी उचित मूल्‍य पर अच्‍छी सुविधा उपलब्‍ध होनी चाहिए।

 

You may also like...