ए मोटर व्‍हीकल एक्‍ट से ट्रांसपोर्टस लkइन में सुधार: transporter-ramesh-kumar

रमेंश कुमार नरूला जी खिजराबाद के रहने वाले है। इनका कहना है कि हमारे दादा जी और पापा जी भी ट्रांसपोर्टस का काम करते थे। इनका कहना है कि हमारे दादा जी और पिता जी से ही हमने काम सीख कर ट्रांसपोर्टस लाइन को पकडा। रमेंश जी के पास सात ट्रक है। रमेश कुमार  जी ने फास्‍ट टैग पर अपने विचार रखते हुए कहा कि फास्‍ट टैग का गाडियों में लगे होने से ट्रांसपोर्टस बिजनेस मे काफी लाभ होगा। फास्‍ट टैग के प्रयोग से ट्रांसपोर्टस बिजनेज को काफी लाभ  होगा। फास्‍ट टैग से टोल बैरियर पर लगने वाली लंबी लाइन से छुटकारा मिल जाएगा। गाडी माल लेकर जाती है रास्‍तें में कितने ही टोल बैरियर पडते है अब गाडी को टोल बैरियर पर रूकने की आवश्‍कता नही होती गाडी सीधा टोल बैरियर से निकल जाती है। समय की बचत होती है फास्‍ट टैग के आने से । रमेंश जी ने बताया कि सरकार ने मोटर व्‍हीकल एक्‍ट में संशोधन करके नए मोटर व्‍हीकल एक्‍ट तय किए है। नए मोटर व्‍हीकल एक्‍ट के शुरू होने से ट्रांसपोर्टस लइन में काफी सुधार देखने को मिला रहे हे। चालान के रेट बढने से सडक दुर्घटना कम होती है व लोग वाहनो को आराम से चालाते है। नए मोटर एक्‍ट से पब्लिक मे सुधार देखने को मिला है। रमेश जी ने बताया कि गाडियों में जीपीएस के लगे होने से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फायदा हो रहा है। जीपीएस की सहायता से गाडी की लोकेशन पता रहती है। जीपीएस की सहायाता से गाडी के चोरी होने का खतरा कम ही रहता है। जीपीएस की सहायता से गाडी पर नजर रख सकते है। कई बार ड्राइवर लोग गाडी को सही ढग से इस्‍तेमाल नही करते है। जीपीएस की सहायता से गाडी के बारे में पूरी जानकारी मिलती रहती है। ट्रांसपोर्टस बिजनेस के ऑनलाइन होने से ट्रांसपोर्टस लाइन मे काफी बदलाव देखने को मिले है। पेपर वर्क आसान हुआ है। अब गाडी के पेपर आसानी से ऑनलाइन ही बन जाते है। ऑनलाइन पेमेंट से भी ट्रांसपोट्रस लाइन को काफी फायदा हुआ है। गाडी में ऑनलाइन डीजल डलवा सकते है। रमेश जी ने बताया कि ई वे बिल के आने से ट्रांसपोट्रस बिजनेस में काफी चेंज आया है। पहले गाडी को बार्डर से निकलने में काफी समय लग जाता था, जब से ई वे बिल शुरू हुआ है तब से गाडी को किसी भी तरह की कोई परेशानी नही आती है। अब बार्डर पर लंबी लाइने नही लगती है। ई वे बिल से गाडी को सीधा जाने दिया जाता है। रमेश जी गाडियों में अंडरलोड ही डलवाते है। गाडी में ओवरलोड डालने से गाडी को नुकसान होता है । इस बिजनेस मे सबसे ज्‍यादा दिक्‍कत तो इस बात तो लेकर आ रही है कि इस समय मार्केट में मंदी का जोर चल रहा है। जब से नोट बंदी हुई है मार्केट मंदी पड गई है। रमेश जी ने सुझाव दिया कि गाडियों के भाडे सरकार दवारा तय होने चाहिए जिससे काम बढिया चलेगा।

 

 

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