ड्रावइरों की सेलरी बढनी चाहिए : transporter-pawan

पवन जी 2005 से ट्रांसपोर्ट लाइन में काम कर रहे है। पवन जी ने जब ट्रांसपोर्टस लाइन में काम की शुरूआत की थी तब इनके पास खुद की कोई गाडी नही थी, फिर धीरे धीर मेहनत करके पवन जी ने पैसा जोड़ा। अपनी मेहनत के बल पर आज पवन जी के दो गाडियां है। पवन जी ने ट्रांसपोर्टस लाइन में दिन रात खूब मेहनत की। पवन जी आज के डिजिटल युग में मोबाइल का प्रयोग करते है। मोबाइल के इस्‍तेमाल से उन्‍हे उनके कार्य में काफी हेल्‍प हो जाती है। पवन कुमार जी ऐसी ऑनलाइन सुविधा का प्रयोग करना चाहते है जिससे उन्‍हे उनके कार्य में मदद मिल सके। पवन जी ने बताया कि जीएसटी लगने के बाद ट्रांसपोर्टस लाइन में काफी चेंज देखने को मिल रहा है। जीएसटी लगने के बाद समय की बचत हो जाती है। ट्रक माल लेकर भी जल्‍दी आ जाता है। पवन जी ने बताया कि पिछले पांच सालों में काफी चेंज देखने को मिला है। अब ट्रांसपोर्टस के ज्‍यादातर काम ऑनलाइन हो रहे है पहले ट्रांसपोर्टस के काम मैनुअल होते थे। पवन जी ने बताया कि डीजल के रेट बढने से गाडियों के भाडे के रेट तो बढने चाहिए ताकि ट्रांसपोर्टस को फायदा हो सके। पवन कुमार जी गाडियों में ओवरलोड को डालना पसंद नही करते है। उनका कहना है कि गाडियों में ओवरलोड डालने से गाडी को ही नुकसान होता है। गाडी के ट्रायर फटने और दुर्घटना के होने का भय रहता है गाडी को ओवरलोड भर कर चलाने से। गाडियों को अंडरलोड चलाना ही वेस्‍ट है। पवन जी ने बताया कि ट्रांसपोर्टस के बिजनेस में सबसे ज्‍यादा दिक्‍कत तो ड्राइवरों को लेकर आ रही है गाडी को चलाने के लिए ट्रेंड ड्राइवर नही मिल पाते है। रोड पर पुलिस वाले लोग ज्‍यादा परेशान करते है। पवन जी का सुझाव है कि ट्रांसपोर्टस लाइन में ड्रावइरों की सेलरी बढनी चाहिए ताकि ज्‍यादा से ज्‍यादा लोग ट्रांसपोर्टस लाइन में आ सके।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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