नेट डाऊन होने पर कई बार फास्ट टैग से पेमेंट नही कटती है : transporter-jagjeet-singh
जगजीत सिंह जी पंजाब में खन्ना के रहने वाले है। जगजीत सिंह जी ने बताया कि ट्रांसपोर्टस लाइन में काम करते है। एक गाडी के साथ ट्रांसपोर्टस के काम की शुरूआत की थी। जगजीत सिंह जी ने ट्रांसपोर्टस लाइन में खूब मेहनत की ओर मेहनत करके अपने ट्रांसपोर्टस के बिजनेस को खूब आगे बढाया। जगजीत सिंह जी ने बताया कि दिन रात मेहनत करके उन्होंने 30 ट्रक बनाए जो कि उनकी कडी मेहनत का ही नतीजा है। जगजीत सिंह जी ने बताया कि उनका ट्रांसपोर्टस का बिजनेस बहुत ही बढिया चल रहा है। काम में किसी भी तरह से कोई परेशानी नही आ रही है। जगजीत सिंह जी ने बताया कि ई वे बिल के आने से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फायदा हुआ है। ई वे बिल से एक तो यह फायदा हुआ है कि बार्डर से बैरियर हट गए है जिससे कि गाडी की लोडिंग में दिक्कत का सामना नही करना पडता है। ई वे बिल के आने से यह फायदा हुआ है कि बार्डर पर अब कागजों की चैकिंग नही होती है। पहले अफसर लोग लंबी लाइनों में से कागज को फैक के मार देते थे कि गाडी के कागज पूरे नही है या फिर बिल्टी नही है अब ई वे बिल के आने से इस परेशानी का हल निकल गया है। रास्ते में अब दिक्कत नही होती है। पहले गाडी को बार्डर पर तीन से चार दिन तक खडा करके रखते थे जिससे गाडी के मालिक को भी परेशानी होती थी ओर ड्राइवर को भी काफी परेशानी झेलनी पडती थी। जगजीत सिंह जी ने बताया कि गाडी में ओवरलोड डालते है ओवरलोड डालने से गाडी के खर्चे निकल जाते है। अंडरलोड गाडी को चलाने से गाडी के खर्चे नही निकलते है। जगजीत सिंह जी ने बताया कि ट्रांसपोर्टस के बिजनेस में सबसे बडी दिक्कत तो इस बात को लेकर आ रही है गाडी के भाडे के रेट नही बढते है। गाडी की किश्त निकालनी मुश्किल हो गई है। जगजीत सिंह जी ने फास्ट टैग पर अपने विचार रखते हुए कहा कि फास्ट टैग से ट्रांसपोर्टस के बिजनेस मैन को कई बार फास्ट टैग से परेशानी का सामना करना पडता है नेट के डाऊन होने पर कई बार फास्ट टैग से पेमेंट नही कटती है कैश देकर गाडी को टोल बैरियर से निकालते है। फिर कई बार आगे जाकर टोल बैरियर पर फास्ट टैग से भी पेमेंट हो जाती है कई बार तो दो दो बार टोल का भुगतान करना पडता है। जगजीत सिंह जी ने सुझाव दिया कि हर 300 किलोमीटर पर भाडे के रेट तय होने चाहिए ओर सरकार को एक ऐसी व्यवस्था करना चाहिए जिस व्यक्ति के पास 10 या 20 गाडिया है उसके पास ट्रांसपोर्टस के बिजनेस का लाइसेंस होना चाहिए ताकि वही लोग ट्रांसपोर्टस का बिजनेस खोल सके जिसके पास ट्रांसपोर्टस का लाइसेंस है। ओर उस लाइनसेंस की एक्पायर डेट भी सुनिश्चत सरकार दवारा ही होनी चाहिए ताकि जिन लोगो के पास लाइन सेंस नही है वह ट्रांसपोर्टस का काम नही खोल सके।
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