फास्ट टैग के लगे होने से टोल बैरियर पर रूकने का झंझट खत्म हो गया: transporter-bhupender-singh
भूपेन्द्र सिंह जी पंजाब के डेरा बस्सी के रहने वाले है। भूपेन्द्र सिंह जी ट्रांसपोर्टस लाइन में काम करते है। उन्होंने नट्रांसपोर्टस लाइन में दिन रात मेहनत करते तीन गाडिया बना ली। भूपेन्द्र जी ने बताया कि एक गाडी से तीन गाडियों को बनाने में उन्होंने खूब मेहनत की । काफी उतार चढाव भी आए लेकिन भूपेन्द्र जी ने हिम्मत नही हारी ।भूपेन्द्र सिंह जी ने ट्रांसपोर्टस के बिजनेस को आगे बढाने के लिए खुद गाडी चलाकर और कडी मेहनत करके सफलता हासिल की। भूपेन्द्र सिंह जी ने बताया कि फास्ट टैग के शुरू होने से ट्रांसपोट्रस लाइन को काफी फयदा हो रहा है। जब गाडी माल लेकर जाती है तो रास्ते में कितने ही टोल बैरियर पडते है। हर टोल बैरियर पर गाडी को 5से 10 मिनट का समय वेस्ट हो जाता है। लेकिन अब गाडियों में फास्ट टैग के लगे होने से टोल बैरियर पर रूकने का झंझट खत्म हो गया है। उन्होंने बताया कि जब से ट्रांसपोर्टस बिजनेस की शुरूआत की है तब से लेकर अब तक यह चेंज देखने को मिला है कि अब रोड काफी बढिया हो गए है। और आज कल नई तकनीक की चीजें चल पडी है। अब गाडिया भी बढिया किस्म की चल पडी है। भूपेन्द्र सिंह जी ने बताया कि ट्रांसपोर्टस बिजनेस के ऑनलाइन होने से कुछ खायस फायदा नही हुआ है।भूपेन्द्र जी ने बताया कि ई वे बिल का ट्रांसपोर्टस लाइन में आने से फायदा हुआ है क्योंकि अब गाडियों को बार्डर पर नही रूकना पडता है समय की बचत हुई है। भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि गाडी को ओवरलोड भर कर चलाने से गाडी और ड्राइवर दोनो को नुकसान होता है इसलिए गाडियों को अंडरलोड ही चलाते है। इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्कत यह है कि हर चीजो के रेट डबल हो गए है लेकिन भाडे के रेट वही के वही है।नए मोटर व्हीकल एक्ट में सरकार ने भाडे के रेट बहुत ज्यादा रखे है जो कि जायज नही है। सरकार को कम करने चाहिए चालान के रेट। भूपेन्द्र सिंह जी ने बताया कि इस बिजनेस में नई पीढी के आने से ट्रांसपोर्टस बिजनेस को काफी फायदा होगा। नई पीढी अपने हिसाब से काम करना पसंद करेती है जिससे बिजनेस आगे बढेगा।
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