ई वे बिल की तरह फास्‍ट टैग भी ट्रांसपोट्रस लाइन के लिए फायदेमंद : transporter-rahul-kansal

राहुल कंसल पंजाब में संगरूर के रहने वाले है। राहुल ने बताया कि पहले 16 चक्‍के की गाडी चलाते थे। अब 22 चक्‍के की गाडी चलाते है, राहुल के पास गाडियां  है।राहुल न बताया कि उन्‍होंने गाडियां किश्‍तों पर ले रखी है । राहुल ने बताया कि जब से काम की शुरूआत की तब से लेकर अब तक यह चेंज देखने को मिला है।  पहले ट्रांसपोट्रस लाइन में काम था लेकिन अब ट्रांसपाेर्टस लाइन में काम कुछ कम हो गया है। अब गाडियों की संख्‍या काफी बढ गई है। राहुल जी का कहना है कि ट्रांसपोर्टस बिजनेस ऑनलाइन हो रहा है । इससे फायदा हो रहा है। गाडियों में जीपीएस के लगे होने के काफी फायदे है। गाडी में जीपीएस की सहायता से गाडी पर नजर रख सकते है कि गाडी कहां पर खडी है। जीपीएस लगा हो तो गाडियों को माल आसानी से मिल जाता है। जीपीएस लगे होने से गा‍डी के चोरी होने का खतरा नही रहता है। राहुल जी ने बताया कि सरकार ने फास्‍ट टैग को शुरू कर अच्‍छा कदम उठाया है।फास्‍ट टैग से गाडी आरम से टोल बैरियर से निकल जाती है। इससे गाडी के घंटे बच जाते है। ई वे बिल की तरह फास्‍ट टैग भी ट्रांसपोट्रस लाइन के लिए फायदेमंद होगा। राहुल जी ने बताया कि सरकार ने मोटर व्‍हीकल एक्‍ट में संशोधन करके चालान के रेट बढा दिए है। चालान के रेट बढने से ट्रांसपोर्टस लाइन पर बुरा असर पडेगा। राहुल ने बताया कि ट्रांसपोर्टस बिजनेस में ई वे बिल के आने से काफी फायदा हुआ है। बार्डर से बैरियर के उठने पर अब बार्डर पर गाडी ज्‍यादा समय के लिए खडी नही रहती है। ई वे बिल पास में हो तो सेल्‍स टैक्‍स वाले परेशान नही कर सकते है। राहुल कंसल ने बताया कि इस बिजनेस मे सबसे बडी दिक्‍कत यह आ रही है कि माल भाडा मिलता नही है।  इनका सुझाव है कि डीजल के रेट और ट्रोल टैक्‍स्‍ क रेट कम होने चाहिए इंश्‍योरेंस के रेट भी कम होने चाहिए।

 

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