आनलाइन सुविधा से इस बिजनेस में काफी हद तक सुधार हुआ : transporter-sunil

इलाहाबाद के सुनील जी ने  33 साल पहले ट्रांसपोर्ट लाइन में अपना काम शुरू किया  था। आज इनके पास आठ ट्रक है। इसके लिए उन्‍होंने कड़ी मेहनत की। सुनील जी कहते है कि मैने दिन रात काम किया। कभी भी मेहनत से पीछे नहीं हटा। इसका मुझढे फल भी मिला। अआज मेरे पास आठ ट्रक है, जो मेरी मेहनत का फल है। उनका कहना है कि भले ही इस लाइन में कई दिक्‍कते उन्‍हें आई, लेकिन भगवान के आर्शीवाद से उन्‍होंने इस बिजनेस में सफलता मिली है।सुनील जी का कहना है कि आनलाइन सुविधा से इस बिजनेस में काफी हद तक सुधार हुआ है। इनका कहना है कि  आनलाइन सुविधा होने से ट्रकों के लिए माल आसानी से मिल जाता है। इसके साथ ही ऑनलाइन सुविधा से काम में तेजी आई है। अब बैंकों की लंबी कतारों में नहीं लगना पडता। पैमेंट करने में सरलता आई है। उन्‍होंने कहा कि अंडरलोड सही है, क्‍योंकि इससे ड्राइवर की सुरक्षा के साथ साथ माल भी सुरक्षित रहता हे। सुनील जी का कहना है कि ट्रांसपोर्ट में सबसे ज्‍यादा दिक्‍कत तो पेमेंट को लेकर होती है । पेमेंट लेट मिलती है। पुलिस  वाले तंग करते है। पुलिस वाले जगह जगह पर गाडी खडी कर देते है कागजी कार्यवाही के नाम पर मनमर्जी की वसूली करते है। उनका कहना है कि इस लाइन में टैक्‍स बहुत ज्‍यादा है। थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस के रेट भी बहुत बढ गए है। गाड़ी वाले रोड टैक्‍स तो देते ही है, उनसे टोल टैक्‍स भी लिया जाता है। अगर सरकार रोड टैक्‍स लेती है तो टोल टैक्‍स तो बनता ही नहीं, वैसे भी सरकार सभी से एक तरह का टैक्‍स ले रही है। उनका कहना है नए मोटर व्‍हीकल एक्‍ट में चालान बहुत ज्‍यादा कर दिए गए है, भला इतना भारी भरकम चालान एक गाड़ी वाला कैसे दे पाएगा। सरकार को इस पर विचार करना चाहिए तो चालान की रकम कम करना चाहिए।

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