ट्रांसपोर्ट लाइन में सब कुछ आनलाइन हो रहा है : transporter vijay kumar
विेजय कुमार जी लुधियाना के रहने वाले है। इन्होंने इस काम की शुरूआत 25 गाडियों के साथ की थी । आज इनके पास खुद की 85 गाडियां अपनी है। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए इन्होेंने कड़ी मेहनत की, जिसका उन्हें फल भी मिला। इन्होने ट्रांसपोर्ट लाइन में कई उतार चढाव भी देखे है। इनका कहना है कि अब ट्रांसपोर्टस लाइन में काफी चेंज आ गया है। अब तो ट्रांसपोर्ट लाइन में सब कुछ आनलाइन हो रहा है। आजकल गाडि़यों में जीपीएस लग रहा है। कई कंपनियां तो जीपीएस न लगा होने पर माल नहीं देती है। वैसेजीपीएस का फायदा भी है। गाडियों में जीपीएस के लगे होने से गाडी की लोकेशन को आसानी से चैक कर सकते है कि गाडी किस स्पीड से चल रही हैे और गाडी कहां पर खडी है।वे कहते है कि सबसे बड़ा ई वे बिल से सबसे बड़ा फायदा यह हुआ है कि इससे बार्डर पर बैरियर हट गए है। ई वे बिल से गाड़़ी आराम से बार्डर पार कर जाती है। इसकी वजह से गाड़ी जल्दी वापस आ जाती है। विजय जी कहते है कि आनलाइन का इस्तेमाल पढे लिखे लोग तो कर लेते है, लेकिन ट्रांसपोर्ट लाइन में अधिकतर लोग पढे लिखे नहीं है या जो पढे लिखे है उन्हें आनलाइन सिस्टम की पूरी जानकारी नहीं है। उनका कहना है कि ट्रांसपोर्टर्स को आनलाइन सिस्टम के बारे में समझाने के लिए वर्कशाप होनी चाहिए। विजय जी गाडियों को अंडरलोड चलाना ही पंसद करते है । इनका कहना है कि गाडियों को अंडरलोड चलाने से एक तो गाड़ी और ड्राइवर की लाइफ सेफ रहती है दूसरा गाडी को भी नुकसान नही होता है । इनका कहना है कि आज हर चीज के रेट बढ गए है , लेकिन भाडे के रेट वही पुराने वाले ही चल रहे है। इनका सुझाव है कि ट्रांसपोर्टस लाइन में भाडे के रेट बढने चाहिए।
Recent Comments