जीपीएस के लगे होने से ड्राइवर लोग झूठ कम बोल पाते है : transporter sanjeev sharma

संजीव शर्मा जी जम्‍मू के रहने वाले है। वे कमीशन एजेंट है और ट्रांसपोर्टस लाइन में गाडियों की बुकिंग का काम करते है। इनका कहना है कि इन्‍हे ट्रांसपोर्टस लाइन में काम करते हुए 20  साल हो गए है। जब ट्रांसपोर्टस का काम शुरू किया था तब तो काम बहुत ही बढिया चल रहा था लेकिन अब ऐसा नहीं है।  इनका कहना है कि मोदी सरकार ने जीएसटी लगा दी है। जीएसटी के लगने से ट्रांसपोर्टस का काम एक नंबर में हो गया है। संजीव जी उत्‍तारंचल और हिसार साईड की गाडियों को बुक करने का काम करते है। इनका कहना है कि आज ट्रांसपोर्टस का बिजनेस ऑनलाइन हो रहा हे ऑनलाइन होने से इस बिजनेस को काफी फायदा हो रहा है । गाडी को ऑनलाइन माल मिलने में आसनी होती है । हम ऑनलाइन चैक करके गाडी को आसानी से बुक कर सकते है। गाडियों में जीपीएस के लगे होने से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फायदा होता है। जीपीएस की सहायता से गाडी को आसनी से चैक कर सकते है। जीपीएस के लगे होने से गाडी की लोकेशन का पता रहता है कि गाडी कहां पर खडी है और कब तक माल लेकर पहुंच जाऐगी। गाडियों में जीपीएस के लगे होने से ड्राइवर लोग झूठ कम बोल पाते है। इसके साथ ही ई वे बिल के आने से ट्रांसपोर्टस का काम एक नंबर में हो गया है। ई वे बिल के आने से बैरियर उठ गए है। बैरियर के उठने से गाडी को रास्‍ते पर रोका नही जाता है। संजीव जी का मानना है कि गाडियों को अंडरलोड चलाने से गाडी सही रहती है। गाडी को कोई नुकसान नहीं होता है। गाडियों  को ओवरलोड भरना गलत है। इनका सुझाव है कि सरकार ट्रांसपोर्ट बिजनेस मेे टैक्‍स कमेंं , इस समय इस लाइन में टैक्‍स और खर्चे बहुत ज्‍यादा है।  जो नहीं होने चाहिए।

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