इंडस्ट्री का काम बढे तो बढेगा ट्रांसपोर्ट का बिजनेस : transporter kulvinder singh
कुलविन्द्र सिंह जी पंजाब में लुधियाना के रहने वाले है। इन्होंने तीन गाडियों के साथ ट्रांसपोर्टस का काम शुरू किया था आज इनके पास खुद की 45 गाडियां है। कुलविन्द्र सिंह जी कहते है कि इस काम में खुद ही काम करना पडता है ,खुद काम किए बिना कुछ चेंज नही आता है। आज ट्रांसपोर्टस बिजनेस ऑनलाइन हो रहा है। ट्रांसपोर्टस बिजनेस के ऑनलाइन होने इस ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फायदा हो रहा है । ऑनलाइन होने से हम गाडी को आसानी से ऑनलाइन चैक करके बुक कर सकते है। इनका कहना है कि गाडियों मे जीपीएस के लगे होने से काफी फायदा होता है । गाडियों में जीपीएस की सहायता से हम गाडी की लोकेशन को आसानी से देख सकते है। इसके अलावा ई वे बिल से भी ट्रांसपोर्ट लाइन को काफी फायदा हुआ है। अब बार्डर से बैरियर खत्म हो गए है। इससे समय बच रहा है, साथ ही साथ करप्शन भी कम हुआ है और काम एक नंबर का हो गया हे। इनका मानना है कि गाडी गाडियों को अंडरलोड चलाना सही रहता है क्योंकि अंडरलोड गाडी को चलाने से गाडी की रिपेयर और मिनटेनस बनी रहती है। कुलविंद्र सिंह ने कहा कि ट्रांसपोर्टस का बिजनेस इंडस्ट्री पर ही निर्भर करता है, अगर इंडस्ट्री का काम अच्छा चलेगा तो काम बढिया चलेगा ट्रांसपोर्टस लाइन का और अगर इंडस्ट्री मंदी होगी तो ट्रांसपोर्टस का काम भी मंदा ही होगा। ट्रांसपोर्टस का काम दूसरों के बिजनेस पर ही डिपेंड करता है। दूसरों का काम अच्छा होगा तो ट्रांसपोर्टस का काम बढिया ही चलेगा। इनका सुझाव है कि इंडस्ट्री के कम होने से ट्रांसपोर्टस का बिजनेस कम हो गया है इस लिए इंडस्ट्री का काम बढे तभी कुछ हो सकता है। ट्रांसपोर्ट लाइन में टैक्स बहुत ज्यादा है, सरकार को चाहिए कि ट्रांसपोर्ट बिजनेस से टैक्स कम करें।
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