ट्रांसपोर्ट लाइन में कभी भी हौंसला ना खोएं : transporter संजीव
संजय शर्मा जी पंजाब में डेराबस्सी के रहने वाले है। इन्होंने ट्रांसपोर्टस के काम की शुरूआत 2007 से की थी। इनके पास खुद की कोई गाडी नही है। लेकिन मार्केट में 100 से 200 गाडियां ग्रुप में लगी हुई है। संजय जी का कहना है कि उनका ट्रांसपोर्टस का काम बहुत अच्छा चल रहा है। संजय जी मानते है कि इस काम में काफी तरक्की हुई है। आज ट्रांसपोर्टस के बिजनेस के ऑनलाइन होने से ट्रांसपोर्टस बिजनेस को काफी फायदा हो रहा है। माल आनलाइन मिल रहा है।गाडियों में जीपीएस के लगे होने से भी काफी फायदा होता है। गाडि़यों में जीपीएस लगे होने से गाडी की लोकेशन को आसानी से देख सकते है। किसी भी समय किसी भी टाईम पर गाडी का मालिक अपनी गाडी की लोकेशन को जीपीएस की सहायता से फोन पर ही चैक कर सकता है। संजय शर्मा जी का कहना है कि ई वे बिल ई वे बिल के आने से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फायदा हुआ है। पहले हर राज्य में पर्ची बनवानी पड़ती थी, जिसमें समय की बर्बादी होती थी। ई वे बिल के आने से अब सभी राज्यों की पर्ची नही बनवानी पडती है, जिससे समय की काफी बचत हुई है। संजय शर्मा जी ओवरलोड के खिलाफ है। उनका कहना है कि इससे गाड़ी की मेनटेनेंस पर खर्च बढ़ जाता है। जबकि गाडियाें को अंडरलोड चलाने से गाडी को ज्यादा नुकसान नही होता है। इस लाइन में अपना कैरियर बनाने का सपना देखने वालों को संजय जी का कहना है कि इस काम में कभी भी हौंसला नही खोना चाहिए। काम कभी डाऊन तो कभी अच्छा चलता है। काम अच्छा चल रहा हो या मंदा चल रहा हो, हमें अपनी दिनचर्या के हिसाब से काम करते रहना चाहिए। उनका सुझाव है कि पार्टी को अपने काम से सैटिसफाई करेंगे तो इस काम में तरक्की ही तरक्की है।
Recent Comments