ट्रांसपोर्ट बिजनेस के काम को बढाने के लिए नई तकनीकों का प्रयोग होना चाहिए : transporter piyansh

पियांश जी पंजाब में डेराबस्‍सी के रहने वाले है।  पियांश जी ने ट्रांसपोर्टस के काम की शुरूआत दो गाडियों के साथ की थी। इस समय पियांश की के पास खुद की तीन गाडियां है। उन्‍होंने बताया कि जब ट्रांसपोर्टस के काम की शुरूआत की थी तो शुरू में तो काम बढिया चला था, लेकिन अब खर्चे बहुत बढ गए है। अब online system से ट्रांसपोर्ट लाइन को फायदा हो रहा है। गाडी में जीपीएस के लगे होने से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फायदा होता है। गाडी की लोकेशन  को आसानी से चैक कर सकते है और जीपीएस लगी गाडियों को कंपनी भी आसानी से माल दे देती है। इसके साथ ही ई वे बिल से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फायदा हो रहा है। ई वे बिल के आने से बार्डर से बैरियर हट गए है। अब गाडी को भी बार बार चैकिंग के लिए नही रोका जाता है । गाडी को सीधे माल लेकर जाने दिया जाता है, ई वे बिल पास मे हो तो यह फायदा तो हुआ है। ई वे बिल के आने से दो नंबर का काम तो बिल्‍कुल ही खत्‍म हो गया है। सारा का सारा काम एक नंबर में हो गया है। पियांश जी गाडी  में अंडरलोड गाडी के लिए best मानते है। उनका कहना है कि अंडरलोड गाडी को चलाने से गाडी के टायर नही घिस्‍ते है। और गाडी की मेनटेनस बनी रहती है।  अंडरलोड गाडी चलाने से ड्रावर की जान जाने का खतरा कम रहता है गाडी भी सेफ रहती है। पियांश जी ने कहा कि इस बिजनेस में सबसे ज्‍यादा यह दिक्‍कत आती है कि गाडी के इंश्‍योरेंस मंहगे हो गए है और गाडी के टैक्‍स काफी बढ गए है।  इंडस्‍ट्री में काम मंदा होने से माल नहीं मिल रहा है।नए मोटर व्‍हीकल एक्‍ट ने तो चालान के रेट इतने बढ गए है कि हर किसी को काफी दिक्‍कत हो रही है। पियांश की का सुझाव है कि टैक्‍स के रेट कम होने चाहिए। सरकार को टैक्‍स के रेट में सुधार करना चाहिए और ज्‍यादा से ज्‍यादा नई तकनीको का प्रयोग करना चाहिए ट्रांसपोर्ट बिजनेस के काम को बढाने के लिए।

 

 

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *