डीजल के रेटऔर थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस के रेट कम होने चाहिए : transporter गुरप्रीत सिंह

गुरप्रीत सिंह जी पंजाब में मंडी गोबिन्‍द गढ के रहने वाले है। इनकी अपनी खुद की नौ गाडियां है और 40 से 50 गाडियां बाहर से लेते है, माल को बुक करवाने के लिए। गुरप्रीत सिंह जी का कहना है कि इनका ट्रांसपोर्टस का बिजनेस शुरूआत से ही अच्‍छा चलता आया ह, काम में किसी भी तरह की कोई परेशानी नही हुई है। गुरप्रीत सिंह जी का मनना है कि गाडियों में जीपीएस के लगे होने से गाडियों को काफी फायदा होता है और ट्रांसपोर्टस बिजनेस के लिए भी जरूरी हो गया है गाडियों में जीपीएस लगाना। गाडियों में जीपीएस न लगा हो तो कंपनियां माल नही देती। गाडियों में जीपीएस के लगे होने से गाडी की लोकेशन को आसनी से चैक कर सकते है। गुरप्रीत सिंह जी का कहना है कि जब से ट्रांसपोर्टस के काम की शुरूआत की है तब से लेकर अब तक यह चेंज देखने को मिला है कि पहले ट्रांसपोर्टस का काम बहुत ही बढिया तरीके से चल रहा था लेकिन आज के समय में ट्रांसपोर्टस के बिजनेस में थोड़ी कमी आ गई है।  गुरप्रीत सिंह जी का कहना है कि गाडी को अंडरलोड चलाने से गाडी का खर्चा नही निकलता है इसलिए ओवरलोड करना पड़ता है। इससे गाडी का खर्चा निकल आता है। गुरप्रीत सिंह जी का कहना है कि कि इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत टोल टैक्‍स और गाडियों पर 28 प्रतिशत लगे टैक्‍स के कारण आ रही है। इसके साथ साथ गाडियों के इंश्‍योरेंस के रेट भी काफी ज्‍यादा वसूल किए जाते है। गाडी के थर्ड पार्टी के इंश्‍योरेस काफी कम थे और आज के समय मे गाडी के थर्ड पार्टी के इंश्‍योरेंस भी काफी बढ गए है। गाडी के टायर के रेट भी काफी बढ गए  है। इनका कहना है कि क्‍वाटरली टैक्‍स होने ही नही चाहिए क्‍योकि जब टोल टैक्‍स और रोड टैक्‍स लेते है तो क्‍वाटर टैक्‍स तो बिल्‍कुल ही खत्‍म होने चाहिए।गुरप्रीत सिंह जी का सुझाव है कि डीजल के रेट कम होने चाहिए और थर्ड पार्टी के इंश्‍योरेंस के रेट कम होने चाहिए।

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