बार बार नहीं बढने चाहिए डीजल के रेट : transporter pankaj

पंकज जी पंजाब में लुधियाना के रहने वाले है। इन्‍होंने सन 2000 में गाडियों का काम शुरू किया  था । ये यूनियन के साथ मिलकर काम करते है। इनका कहना है कि  आज ट्रांसपोर्टस बिजनेस ऑनलाइन हो रहा है , ऑनलाइन सिस्‍टम के होने से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फायदा हो रहा है।  online  सिस्‍टम के आने से काम करना आसान हो जाता है , लेकिन कुछ अनपढ लोग इनका बेनीफीट नही जानते है। जिस के कारण वह ऑनलाइन सिस्‍टम का फायदा नही उठा पाते है। पंकज जी कहते है कि गाडियों में जीपीएस के होने से भी काफी फायदा होता है। गाडियों में जीपीएस लगे होने से माल की चोरी नही होती है और मालिक कभी भी अपनी गाडी को देखकर चैक कर सकता है। gps के लगे होने से ड्राइवर लोग भी मालिक के साथ झूठ नही बोल सकते है। इनका कहना है कि पिछले पांच से सात सालों में भाडे के रेट नही बढ रहे है और डीजल के रेट बढते जा रहे है । भाडे के रेट पांच से सात साल पुराने है। इनका कहना है कि जिन लोगो को दो नंबर का काम करना था उनके लिए तो बिल्‍कुल ही गलत है ई वे बिल और जिन लोगो ने ईमानदारी से काम करना है उनके लिए बहुत सही है ई वे बिल, इससे दो नंबर का काम करने वालो के रास्‍ते में अडचन है ई वे बिल। पढे लिखे लोग ई वेे बिल का काफी अच्‍छे से फायदा उठाते है । लेकिन अनपढ लोगो की बात करे तो उन्‍हे इस बिल के बारे में पूरी जानकारी न होने पर उन्‍हे नुकसान होता है ई वे बिल से। उनका मानना है कि गाडियों के लिए तो अंडरलोड सही है । अंडरलोड गाडी चलाने से गाडी को नुकसान नही होता है। इनका कहना है कि इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत यह आ रही है कि मार्केट में माल नही है। फैक्‍टरियों में भी काफी मंदी छाई हुई जिसकी वजह से मार्केट में माल नही आ रहा है । जहा पर त्‍यौहार के दिनो में आठ से दस गाडियां लोड होती थी वही अब दो से तीन गाडियां ही लोड हो पाती है , इतनी मंदी आ गई है इस काम में। इनका कहना है कि परमिट और इंश्‍योरेंस काफी मंहगे हो गए है। थर्ड पार्टी के इंश्‍योरेंस पहले सस्‍ते थे अब काफी मंहगे हो गए है।उनका सुझाव है कि डीजल के रेट एक ही बार में जितने बढने है उतने बढने चाहिए, बार बार कम या ज्‍यादा नही होने चाहिए इससे ट्रांसपोर्टस के बिजनेस को भारी नुकसान होता है। उनका सुझाव है कि इंश्‍योरेंस के रेट कम होने चाहिए और टोल टैक्‍स और रोड टैक्‍स में से एक टैक्‍स लगना चाहिए।

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *