ट्रांसपोर्टर का कोई सुविधा नहीं देती सरकार : transporter aman kumar

अमन कुमार जी पंजाब में अमृतसर के रहने वाले है। इन्‍होंने दो गाडियों से ट्रांसपोर्टस के काम की शुरूआत की थी। जब काम की शुरूआत की थी तब काम में कुछ मंदी छाई हुई थी लेकिन धीरे धीर इस काम में कुछ सुधार आया अब काम बढिया चल रहा है। अमन जी कहते है कि ट्रांसपोर्ट लाइन का काम तो अच्‍छा है, लेकिन इसमें मेहनत करनी पड़ती है। जिनके पास पूंजी है, वे इस लाइन में सक्‍सेज हो जाते है। अब तो ट्रांसपोर्ट लाइन काफी एडवांस हो गई है।आनलाइन सिस्‍टम ने इस लाइन को चेंज कर दिया है। अब आनलाइन माल मिल जाता है, भाड़ा भी आनलाइन खातों में आ जाता है। यहां तक कि गाड़ी में डीजल भी आनलाइन डल जाता हे। इसके अलावा गाडि़यों में जीपीएस लगने लगा हे। गाडियों में जीपीएस के होने से काफी फायदे है। गाडियों में जीपीएस लगा हो तो गाडी को आसानी से हम कही पर भी चैक कर सकते है। पहले ड्राइवर कहीं भी गाडी को लेकर चले जाते थे और मालिक को झूठ बोल देते थे कि हम गाडी लेकर यहां पर खडे है, गाडियों में जीपीएस के लगे होने से ड्राइवर लोग अब झूठ नही बोल पाते है। इसी तरह ई वे बिल के ट्रांसपोर्टस लाइन में आने से काफी फायदा हुआ है। अब सेल्‍स टैक्‍स वाले परेशान नही कर सकते है । ई वे बिल होने से यह फायदा हुआ है कि अब गाडियों को बार्डर पर बार बार चैकिंग के लिए रूकना नही पडता है। पहले बिल चेक करवाने के लिए घंटों लाइन में खडे रहना पडता है अब यह काम खत्‍म हो गया है। आजकल तो ई वे बिल के बिना माल नही मिलता है। अब ई वे बिल बनवाने की टैंशन  भी खत्‍म हो गई है। ई वे बिल के आने से बार्डर से बैरियर हट गए है। अमन जी गाडियों को अंडरलोड चलाना  पंसद करते है। वे बताते है कि हम गाडियों में एक टन कम ही डलवाते है ताकि गाड़ी सुरक्षित रहे और एक्‍सीडेंट का खतरा भी ना हो। वे कहते है कि इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत यह आ रही है कि एक गाडी वाला हर तरह के टैक्‍स को पे करता है लेकिन उसको उस तरह की सुविधाए प्राप्‍त नही होती है। व्‍यपारी लोग भी टाईम पर पेमेंट नही करते है। व्‍यापारी कहते है कि थोंडे माल ले जाने से पहले कुछ पेमेंट करेगे और बाकी पेमेंट माल पहुंचने के बाद करेंगे। लेकिन जो बाद वाली पेमेंट है उसे काफी दिनों तक देते नही है। यही सबसे बडी दिक्‍कत आ रही है। इनका  सुझाव है कि  सरकार ने ट्रांसपोर्ट लाइन पर हर तरह की चीजों पर अलग अलग टैक्‍स के रेट लगाए हुए है, सब जगह एक ही तरह के टैक्‍स लगने चाहिए।

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