अब आनलाइन का जमाना है : transporter सुरेन्‍द्र सिंह

सुरेन्‍द्र सिंह जी पंजाब के रहने वाले है। सुरेन्‍द्र जी 12 सालों से ट्रांसपोर्टस लाइन मे काम कर रहे है। इन्‍होंने तीस गाडियों से ट्रांसपोर्टस के काम की शुरूआत की थी , अब इनके पास खुद की 90 गाडियां है। सुरेन्‍द्र जी ने बताया कि उन्‍होंने इस लाइन मे बड़ी मेहनत की है। काम कभी कम तो कभी ज्‍यादा होता रहता है। मुश्किल समय में मैने हार नहीं मानी और काम काे आगे बढाने में लगा रहा। इसी का नतीजा है कि आज इनकेपास खुद की 90 गाडियां है।  सुरेन्‍द्र सिंह जी ने बताया कि इन्‍होंने ट्रक यूनियन का दफतर खोला था यूनियन के दफतर का काम खाेल कर इस बिजनेस में कामजाबी हासिल की। उनका मानना है कि ट्रांसपोर्टस के बिजनेस के ऑनलाइन होने से ट्रांसपोर्टस के काम में काफी फायदा हो रहा है। अब ऑनलाइन पेमेट हो जाती है। पहले पेमेंट के लिए बार बार चक्‍कर लगाने पड़ते थे। अब तो गाडियों में ऑनलाइन डीजल पड जाता है, जिससे काफी फायदा हो रहा है। अबई वे बिल का जमाना है। ई वे बिल के आने से समय की बचत होती है और व्‍यपारियों को भी फायदा हो रहा है । सुरेन्‍द्र जी गाडियों में ओवरलोड को बिल्‍कुल भी सही नही मानते है। उनका मानना है कि जितना ओवरलोड से कमाएंगे, उतना गाड़ी की मेनटेनेंस और टायर में निकल जाएगा, इसलिए किसी को भी ओवरलोड नहीं करना चाहिए। गाडी में ओवरलोड डालने से व्‍यपारियों को तो बहुत फायदा होता है लेकिन गाडी वाले को कोई फायदा नही होता है। इसलिए गाडियों को अंडरलोड चलाना ही सही है।। सुरेन्‍द्र सिंह जी ने बताया की ट्रांसपोर्टस के बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत यह आ रही है कि एक तो टोल टैक्‍स काफी बढ गए है। डीजल के रेट काफी बढ गए है। एक अलग से ग्रीन पर्ची लगती है जिसमेे पैसे चार्ज  किए जाते है। सुरेन्‍द्र जी का सुझाव है कि डीजल के रेट कम होने चाहिए और भाडे के रेट बढने चाहिए ताकि ट्रांसपोर्टस को भी फायदा हो।

 

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