टैक्‍स की दर कम करें या टोल टैक्‍स हटाए सरकार : transporter-sanjeev

संजीव जी पंजाब में पटियाला के रहने वाले है।ये गाडियों को बुक करवाने का काम करते है । इन्‍हे इस लाइन में  25 साल हो गए है। इनका कहना है कि ऑनलाइन सिस्‍टम का काम बढिया है गाडी को बुक करवाने के लिए, अब हम ऑनलाइन गाडी के लिए माल सर्च कर सकते है।  उनका कहना है कि इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत यह आ रही है कि इस समय काम मंदा चल रहा है। हर चीज के रेट इतने बढ गए है लेकिन गाडी के भाडे के रेट नही बढते है । आज के टाईम के एक गाडी को कुछ खास नही बच रहा है।उनका कहना है कि डीजल के रेट हर महीने ही बढ जाते है। हर बार यही कहा जाता है कि रेट 50पैसे या एक रुपए ही बढा है, लेकिन अगर चार पांच महीने के हिसाब से देखें तो रेट तीन से चार रुपए बढ जाते है। लेकिन भाड़़ा बढाने को कोई तैयार नहीं होता है। उनका कहना है कि ट्रांसपोर्ट लाइन में यूनियन मजबूत हो तो ट्रांसपोर्टर की सुनवाई हो पाएगी। एकजुट होने पर ही ट्रांसपोर्टर्स का फायदा है। जो भी एजकुट हुआ है, उससे सरकार भी घबराती है। इसलिए जब तक ट्रांसपोर्टर्स एकजुट नहीं हाेंगे, तब तक वे अपनी मांगें नहीं मनवा पाएंगे। उनका कहना है कि ट्रांसपोर्ट लाइन में माल मिलता रहे तो अच्‍छी बचत हो जाती है, लेकिन अगर महीने में 20 दिन ही माल मिलें तो कमाई नहीं होगी। क्‍योंकि बाकी के दस दिन का खर्चा ट्रांसपोर्टर्स को अपनी जेब से देना पडेगा। गाड़ी चले या ना चले टैक्‍स तो देना ही पडेगा। उनका कहना है कि इस लाइन में टैक्‍स भी बहुत ज्‍यादा है । रोड टैक्‍स देने केबावजूद टोल टैक्‍स देना पड़ता है। ऐसा कोई दूसरा बिजनेस नहीं है जिसमें एक तरह के टैक्‍स दो बार लिए जाते हो। संजीव जी का सुझाव है कि सरकार इस लाइन में टैक्‍स की दर कम करें या टोल टैक्‍स में छूट दी जाए।

 

 

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