अब गाडियां बढिया क्‍वालिटी की आ गई है : transporter-sandeep

संदीप कुमार जी पंजाब में गुरनाम गांव के रहने वाले है  इन्‍होंने 12  गाडियों के साथ काम की शुरूआत की थी। आज इन्‍हे दस साल हो गए है ट्रांसपोर्टस लाइन में काम करते हुए। इनका ट्रांसपोर्टस का बिजनेस बहुत ही बढिया चल रहा है। उन्‍होंने बताया कि जब ट्रांसपोटर्स के बिजनेस की शुरूआत की तब से लेकर अब तक इस काम में यह चेंज आया है कि अब सडकों में काफी चेंज आया है और गाडियों में भी चेंज आया है। अब गाडियां बढिया क्‍वालिटी की आ गई है। गाडियां नई तकनीक की आई है। आज ट्रांसपोर्टस बिजनेस ऑनलाइन हो रहा है तो ऑनलाइन सिस्‍टम से फायदा तो होगा ही , लेकिन ऑनलाइन सिस्‍टम अभी गांव में शुरू नही हुआ। इनका कहना है कि ई वे बिल से भी बहुत फायदा हो रहा है। इससे सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब समय बच रहा है। पहले बार्डर पर कागज चेक करवाने में घंटों लग जाते थे। अब इससे छुटकारा मिल गया है, यह ई वे बिल की बदौलत हुआ है। उनका कहना है कि गाडियों को अंडरलोड चलाना ही सही है। गाडियों में ओवरलोड तो मजबूरी में करते है गाडी का खर्चा निकालना होता है तो करते है गाडियों में ओवरलाेड नही तो गाडी को अंडरलोड चलना सबसे बढिया है।  संदीप जी का कहना है कि इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत यह आ रही है एक तो भष्‍ट्राचार बहुत है इस बिजनेस में, पुलिस वाले गाडी वाले से महीना लेते है। इनका कहना है कि पुलिस वालो को महीना चाहिए जो लोग तो देते है महीना उन लोगो का तो काम बढिया चल रहा है। जो लोग पुलिस वालो को महीना नही देते है उन लोगो का काम बढिया नही चल रहा है। इनका सुझाव है कि भष्‍ट्राचार खत्‍म होना चाहिए और भाडे के रेट बढने चाहिए तभी ट्रांसपोर्ट लाइन में सुधार देखने को मिलेगा।

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