ट्रांसपोर्टर्स को आनलाइन सिस्‍टम के बारे में अवेयर किया जाए : transporter-l.d.-chaudhary

एलडी चौधरी जी राजस्‍थान के रहने वाले है।  जब इन्‍होंने काम की शु्रूआत की तब इनके पास एक भी गाडी नही थी । आज इनके पास खुद की दस गाडियां है। इनकी गाडियां लोडिंग के लिए परचयून का माल लेती है और इनका काम बहुत ही बढिया चल रहा है।  इनका कहना है कि ई वे बिल का ट्रांसपोर्टस लाइन में आने से न तो ज्‍यादा नुकसान हुआ है और न ही ज्‍यादा फायदा हुआ है । फायदा यह है कि ई वे बिल के आने से बार्डर उठ गए है। बार्डर के उठने से अब रास्‍ते में दिक्‍कत नही होती पहले गाडियों को घण्‍टों रूकना पडता था चैकिंग के लिए, ई वे बिल के आने से यह दिक्‍कत खत्‍म हुई है। इनका कहना है कि ट्रांसपोर्ट लाइन में अब पढे लिखे लोग आने लग है। उन्‍हें आनलाइन सिस्‍टम की पूरी समझ है। ऐसे लोग इस बिजनेस में जल्‍दी सफल हो सकते है। लेकिन जो लोग पढे लिखे नहीं है, उन्‍हें आनलाइन सिस्‍टम के बारे में कुछ पता नहीं होता। कोई ऐसा सिस्‍टम होना चाहिए जिसे ट्रांसपोर्टर्स को आनलाइन सिस्‍टम के बारे में अवेयर किया जा सके। एलडी चौधरी जी का कहना है कि आजकल छोटी इंडस्‍ट्री में काम कम हो रहा है। इन इंडस्‍ट्री में उत्‍पादन कम हो गया है, इस कारण माल नहीं निकल रहा हे। वे आनलाइन शापिंग को भी ट्रांसपोर्ट लाइन में काम घटने का कारण मानते है। उनका कहना है कि लोग आनलाइन शोपिंग करने लगे है। इससे फैक्ट्रियों में उत्‍पादन कम होने लगा है। वह गाडी को अंडरलोड चालने को सही मानते है ओवरलोड करने से गाडी को नुकसान होता है। इनका कहना है कि इस बिजनेस मे सबसे बडी दिक्‍कत यह आ रही है कि मंदी के कारण काम नही मिल रहा है । इनका सुझाव है कि एक तो टोल टैक्‍स कम होने चाहिए और ओवरलोड बंद होना चाहिए गाडियों में रूल्‍स सबके लिए एक बराबर होना चाहिए।

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