वेस्ट बंगाल में गाडी एंटर करने का टैक्स लिया जाता है: transporter-jasber-singh
जसवीर सिंह पंजाब के डेराबसी के रहने वाले है। इनका कहना है कि इन्होंने ने एक ट्रक के साथ अपने बिजनेस की शुरूआत की थी। इनके पास खुद की अब 9 गाडियां है। इनका कहना है कि यह अपनी मेहनत और कामजाबी के बल पर ट्रांसपोर्टस लाइन में कामजाब हुए। जब काम की शुरूआत की थी तब भी काम बढिया चल रहा था और अब भी काम बढिया ही चल रहा है। इनका कहना है कि अब इस काम में कम्पटीशन काफी बढ गया है। ट्रांसपोर्टस बिजनेस के ऑनलाइन होने से ट्रांसपोर्टस काफी खुश है इनका कहना है कि ऑनलाइन सिस्टम होने से गाडी के लिए माल ऑनलाइन ही मिल जाता है हमे पता चल जाता है कि खाली ट्रक के लिए माल है। ई वे बिल के आने से फायदा हो रहा है कि एक तो बार्डर पर गाडी को बार बार रोका नही जाता है और गाडी समय पर माल की लोडिंग और अनलोडिग करके आ जाती है कहने का मलतब है कि अब समय पर गाडी माल पहुंचा कर आ जाती है जिससे की समय की बचत होती है। ओवरलोड गाडी चलाने को गलत मानते है इनका कहना है कि यादि व्यकित को अंडरलोड गाडी चलाकर भाडे के रेट सही मिले तो व्यक्ति ओवरलोड करता ही नही है। इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्कत तो माल भाडे को लेकर आ रही है और महंगाई बहुत बढ गई है। हर चीज के रेट बढ गए है रोड टैक्स से लेकर रोड टैक्स, इंश्योरेंस इतने मंहगे हो गए है। इनका सुझाव है कि भाडे के रेट किलोमीटर के हिसाब से तय होने चाहिए और ट्रोल टैक्स और रोड टैक्स में से एक ही टैक्स लगना चाहिए। वेस्ट बंगाल में गाडी एंटर करने का अभी भी 5000 रूपए फीस लेते है जब सरकार ने सारे टैक्स पूरी इण्डिया में एक ही कर दिए है तो फिर वेस्ट बंगाल में गाडी एंटर करने का टैक्स अलग से क्यों लिया जाता है। उनका सुझाव है कि यह चीज खत्म होनी चाहिए।
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