transporter अनिल कुमार मानते है कि ई वे बिल से काम एक नंबर का हो रहा है

  • युवा ट्रांसपोर्टर अनिल कुमार कर रहे है आनलाइन सिस्‍टम का इस्‍तेमाल

युवा ट्रांसपोर्टर अनिल कुमार ट्रांसपोर्ट लाइन में आनलाइन सिस्‍टम से पूरी तरह जुडे हुए है। इसका उन्‍हें फायदा भी हो रहा है। ट्रांसपोर्ट लाइन के बारे में उन्‍होंने ट्रक सुविधा के साथ अपने विचार सांझा किए।
अनिल कुमार पंजाब में मलोट के रहने वाले है।  इन्‍होंने दो ट्रकों के साथ ट्रांसपोर्ट  के बिजनेस की शुरूआत की थी। अब इनके पास खुद की चार गाडियां है। उन्‍होंने इस बिजनेस में खूब मेहनत की, जिसका उन्‍हें फायदा भी हुआ हे। अनिल अपने दोस्‍तो के साथ मिलकर ट्रांसपोर्टस का काम करते है। इनका कहना है किट्रांसपोर्टस बिजनेस  के ऑनलाइन होने से ट्रांसपोर्टस लाइन को फायदा हो रहा है। ई  वे बिल के आने से काम एक नंबर में हो गया है। साथ ही अब समय  बच जाता है। बार्डर से गाडी निकालने में कोई दिक्‍कत नहीं होती, जिससे माल जल्‍दी पहुंच रहा हे।अब माल की आनलाइन बुकिंग हो रही है, इससे भी समय की बचत हो जाती है। अनिल कुमार गाडियों में ओवरलोड को सही नही मानते है।उनका कहना है कि गाडी में ओवरलोड होने से गाडी को ही नुकसान होता है। जितना पैसा ओवरलोड में कमाते है, उतना गाडी की रिपेयर और मिनटेनस पर पैसा खर्च करना पडता है। उनका सुझाव है कि सरकार ऐसी पालिसी बनाए जिससे ओवरलोड पूरी तरह खत्‍म हो जाए। ट्रांसपोट्र लाइन की दिक्‍कतों के बारे में उनका कहना है कि पहले के मुकाबले अब इस बिजनेस में खर्चे बढ गए है। टैक्‍स काफी हो गए है। बीेमा के रेट भी लगातार बढ रहे है। डीजल के रेट भी आए दिन बढ जाते है।लेकिन भाडा उतना नहीं बढ पाता, जितने खेर्च बढ रहे है। मार्केट में गाडियों की संख्‍या भी लगातार बढ रही है, जिससे काम पर असर पड रहा हे।  उनका मानना है कि सरकार को ट्रांसपोर्ट का काम बढाने के लिए कुछ रूल्‍स  तैयार करने चाहिए और टैक्‍स में रियायत देनी चाहिए।

 

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