*वरूण त्रिपाठी जी की तीन पीढियां ट्रांसपोर्ट बिजनेस में, पूरी तरह डिजिटल है वरूण
वरूण त्रिपाठी जीकी तीन पीढियां ट्रांसपोर्ट बिजनेस में है। ऐसे में इन्हें इस बिजनेस का खाना अनुभव है। वरूण जी ने बताया कि दादाजी के समय से इनका ट्रांसपोर्ट का बिजनेस है। इनके पिता जी 1962 से ट्रांसपोर्ट लाइन में काम कर रहे है। वे नजीरावरुण जी मोबाइल और इंटरनेट का प्रयोग करते है। साथ ही आनलाइन माल की बुकिंग करते है। उनका कहना है कि जीएसटी लगने के बाद गलत काम बंद हुए है। काम सही तरीके से होना शुरू हुआ है। एक चीज गलत है, जिन लोगों के पास अपनी ट्रांसपोर्ट नही है वो भी ट्रांसपाोर्ट का काम खोल कर दलाली का काम कर रहे है और रेट गिरा रहे है। इनका कहना है कि खास चेंज तो जीएसटी और नोटबंदी होने के बाद आया है। इनका कहना है कि पेपर वर्क थोडा पहले से बेहतर हुआ है। अब software के जरिए से पता चल जाता है कि हमें कितना profit हो रहा है और कितना loss हो रहा है। वरुण जी का मानना है कि percentage wise डीजल के रेट और भाडे के रेट बढने चाहिए। वे अंडरलोड को सही मानते है। उनका कहना है कि इससे गाडी की मेनटेंनेंस पर कम खर्च होता है। इनका मानना है कि ट्रांसपोर्ट बिजनेस में unorganization को कंट्रोल करना चाहिए जो कि ट्रांसपोर्टस का काम बिगाडते है। कम रेट पर गाडी लोड करवा कर दलाली का काम करते है वो बंद होना चाहिए। वे कहते है कि सरकार को जीएसटी लगानी है तो सब पर लगानी चाहिए। दलाल लाेग ताे ट्रांसपोर्टस का काम बिगाड रहे है। उनका कहना है कि अब बस वाले भी माल लोडिंग में लग गए है। इससे सरकार को भी टैक्स का नुक्सान हो रहा है। साथ ही ट्रांसपोर्टर्स को भी नुकसान होता है। बस में ट्रासपोर्ट का काम को खत्म करना चाहिए। उनका कहना है कि ये चीज खत्म होनी चाहिए ताकि ट्रांसपोर्ट का काम बेहतर तरीके से चल सके।
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