एक लिमिट में ओवरलोड को सही मानते है Transporter सत्‍यधर

 *online सिस्‍टम को भी सही मानते है Transporter सत्‍यधर, अपनी मेहनत से सात सालो में बनाए पांच ट्रक

Transporter सत्‍यधर ने इस बिजनेस में काफी मेहनत की है। इसका फल भी इन्‍हें मिला है। truck suvidha से अपने अनुभव शेयर करते हुए सत्‍यधर जी ने बताया कि वे सात सालो से ट्रांसपोर्ट लाइन मे काम कर रहे है। जब काम शुरू किया था तब एक ही ट्रक था मेरे पास,  लेकिन मेहनत करते करते धीरे धीरे एक ट्रक से पांच ट्रक तैयार किए। सत्‍यधर जी मोबाइल और इंटरनेट का प्रयोग करते है। online सिस्‍टम को वे वे ट्रांसपोर्ट लाइन के लिए फायदेमंद मानते है। जीएसटी के बारे में उनका कहना है कि जीएसटी से ज्‍यादा फर्क नही पडा है। काम पहले जैसा ही चल रहा है। लेकिन भाडा वही पुराने रेट के हिसाब से चल रहा है। जबकि पहले भाडे के रेट सही थे, अब तो डीजल का रेट भी काफी बढ गया है। आए दिनर डीजल के रेट बढ जाते है, लेकिन भाडा नहीं बढता है। उनका मानना है कि डीजल के रेट बढने पर भाडा भी उसी अनुपात में बढना चाहिए। वे कहते है-हमारे हिसाब से तो कुछ खास फर्क नही पडा जीएसटी का ट्रांसपोर्ट लाइन में, काम वैसे जी चल रहा है।  अब ज्‍यादातर काम ऑनलाइन हो गए है। ये अच्‍छी बात है। सत्‍यधर जी कहते है कि जब  काम शुरू किया था तब से लेकर अब तक भाडे के रेट नही बढे। पहले भी भाडा कम था और आज भी भाडे का रेट कम है। जब काम शुरू किया  था तब डीजल का रेट कम था तो भाडा चल जाता था, लेकिन अब तो डीजल भी महंगा है और भाडे का रेट बढ नही रहा। उनका मानना है कि गाडियों में एक limit तब ही ओवरलोड होना चाहिए। ज्‍यादाा ओवर लोड करने से गाडियों का ही नुकसान होता है। उनका कहना है कि ट्रांसपाोर्ट के बिजनेस में सबसे बडी  दिक्‍कत तो गाडियाों में ओवर लोड को लेकर आ रही है। सरकार से वे चाहते है कि सरकार एक तो टोल टैक्‍स पर ध्‍यान दे और ट्रांसपोर्ट के लिए इसे कम करें आौर दूसरा गाडियों में ओवरलोड न डाला जाए जिससे कि ट्रांसपाोर्टस का काम बेहतर तरीके चल सके।

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