नई पीढी के आने से फायदा होगा ट्रांसपोर्टस बिजनेस को : transporter-gagandeep

गगनदीप पंजाब में लुधियाना के रहने वाले है।  इन्‍हे अभी एक साल ही हुआ है इस बिजनेस में आए हुए।  इनके पास खुद के 12 ट्रेलर है। इनका कहना है कि इन्‍हे इस बिजनेस मे आए अभी एक ही साल हुआ है। इस बिजनेस में सक्‍सेज होने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे है। इनका कहना है कि अब ये लाइन पूरी तरह आनलाइन हो गई है।पहले माल के लिए ट्रांसपोर्ट के चक्‍कर काटने पड़ते थे। अब तो आनलाइन मिलने लगा है। घरा बैठे ही आनलाइन कंपनियों से माल मिल जाता है। इससे कितना फायदा हो गया है। इससे समय भी बच जाता है और पैसे भी बचते है। और तो और भाड़ा भी सीधे खाते में आ जाता है। ट्रांसपोर्टर को और क्‍या चाहिए। इनका मानना है कि नोटबंदी के बाद काम मंदा हो गया है। लेकिन ये मंदी कुछ समय बाद दूर हो जाएगी। क्‍योंकि फैक्ट्रियां तो चलेंगी ही। फैक्ट्रियां चलेंगें तो माल तो निकलेगा ही। इनका कहना है कि ई वे बिल के आने से ट्रांसपोर्टस लाइन को फासदा हो रहा है। समय बच रहा है पेपर चैक नही करवाने पडते बार बार और समय बच रहा है। वे ओवरलोड को सही नही मानते है , गाड़ी को अंडरलोड गाडी चलाना ही पंसद करते है। इनका कहना है कि इस  बिजनेस मे सबसे बडी दिक्‍कत यह आ रही है कि गाडी को बार्डर से पार करवाने के लिए पहले पैसे भरने पडते है। इनका कहना है कि पुरानी पीढी आनलाइन सिस्‍टम को इस्‍तेमाल नहीं कर पाती है। आजकल के बच्‍चे पढे लिखे है अपने हिसाब से संभाल सकते है बिजनेस को, नई पीढी के आने से फायदा होगा ट्रांसपोर्टस बिजनेस को। इनका सुझाव है कि सरकार इस बिजनेस के लिए कुछ सोचें और टैक्‍स मे छूट मिलनी चाहिए।

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