मजबूरी में करना पड़ता है ओवरलोड : transporter-gurdeep-singh

गुरदीप सिंह जी पंजाब में बरनाला  के रहने वाले है। वे 25  सालों से ट्रांसपोर्टस लाइन  में काम  कर  रहे है ।  इनका कहना है  कि जब इन्‍होंने काम की  शुरूआत की  थी तब  इनके पास खुद  का एक ही  ट्रक था।  आज इनके पास खुद के 12 ट्रक हैं। इन्‍होंने एक ट्रक से 12 ट्रको का  सफर  किस  तरह  से तय किया  आइए आप  को बताते है । गुरदीप जी  ने ट्रांसपोर्टस  का  काम बडी ही मेहनत  व  लगन  से  संभाला ताकि  अपने काम को और  बढा  सके । धीरे धीरे मेहनत करते रहे हालांकिं मेहनत करते हुए  काफी दिक्‍कते भी सही लेकिन हिम्‍मत नही  हारी और  अपने काम में पूरी लगन के साथ जुटे रहे । उसका परिणाम यह हुआ कि  उन्‍हें सफलता मिलती रही। इनका कहना है  कि  इस बिजनेस में मेहनत करने वालों को कामयाबी जरूर मिलती है। इनका कहना है कि जब से ट्रांसपोर्टस  का काम शुरू किया था काम बढिया चल रहा था लेकिन  अब काम काफी हद तक मंदा चल रहा  है । उनके अनुसार 4  से 5 सालों में काम काफी मंदा पड़ गया है। अब खर्चे काफी बढ गए है। भाड़ा बढा है लेकिन उतना नहीं जितने खर्चे बढ गए है। इनका कहना है  कि यादि डीजल के रेट बढते  है तो भाडा बढना ही चाहिए। गुरदीप जी ओवरलोड को गलत मानते है। उनका कहना है कि ट्रांसपोर्टर ओवरलोड नहीं करना चाहते, लेकिन उन्‍हें मजबूरी में ओवरलोड करना पड़ता है। कंपनी वाले ही ओवरलोड के लिए दवाब डालते है। अगर ओवरलोड से मना करो तो वे दूसरे को माल दे देते है। उनका कहना है कि सरकार ऐसा नियम बनाए जिससे ओवरलोड पूरी तरह खत्‍म हो जाए। ओवरलोड माल डलवाने वाले पर भी जुर्माना लगना चाहिए।  इनका कहना  है कि ट्रांसपोर्टस  बिजनेस में भाडे को लेकर दिक्‍कत आ रही है। सरकार को इस लाइन में टैक्‍स कम करने चाहिए।

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