काम कम हुआ तो हिम्‍मत नहीं हारी : transporter-mandeep-sandhu

मनदीप जी पंजाब के रहने वाले है । इन्‍होंने एक ही ट्रक के साथ ट्रांसपोर्टस बिजनेस के काम की शुरूआत की थी।अपनी मेहनत के बल पर अब इनके पास खुद की 13 गाडियां है। इनका कहना है कि यह इस बिजनेस में बडी मेहनत करके सक्‍सेज हुए है।  जब काम शुरू किया था तब काम में थोडी बहुत ही बचत होती थी लेकिन मैंने हिम्‍मत नही हारी और अपने काम में लगा रहा हालांकि कुछ उतार चढाव आए  जिंदगी में , काम कभी अच्‍छा चला तो कभी कम चला लेकिन मैंने अपनी हिम्‍मत को बरकरार रखा और फिर धीरे धीरे काम में सफलता मिलने लगी। अब मेरे पास खुद की 13 गाडियां है। इनका कहना है कि जब काम की  शुरूआत की थी तब काम बढिया था लेकिन अब  खर्चे ज्‍यादा है । इनका  कहना है कि आज ट्रांसपोर्ट बिजनेस ऑनलाइन हो रहा है ऑनलाइन सिस्‍टम से इस लाइन को फायदा हो भी रहा है और नही भी रहा है। इनका कहना  है कि पहले हम टीडीएस अपनी मर्जी से देते थे , अब ऑनलाइन होने पर सरकार अपनी मर्जी से टीडीएस काटती है। इनका कहना है कि जहां से गाडी में माल लोड होता था तो कैश दे दिया जाता  था अब जहां पर हम माल उतार के आते है वो हाथ में चैक पकडवा देते है। चैक को कैश में चेंज करने में 5 से 10 दिन लग जाते है। इनका कहना है कि ट्रांसपोर्टस बिजनेस में ई वे बिल आने से असली फायदा तो व्‍यपारी लोगो को हो रहा है। मनदीप जी अंडर लोड को सही मानते है । उनका कहना है कि ओवरलोड से गाडी और ड्राइवर दोनो का खतरा बना रहता  है। इस बिजनेस की सबसे टोल टैक्‍स काफी बढ गए है।  इनका सुझाव है कि सरकार को जरूरत की चीजों के रेट सही रखने चाहिए ताकि ट्रांसपोर्टस को कुछ तो फायदा हो । डीजल के रेट कम होने चाहिए, भाडे के रेट बढने चाहिए और स्‍पेयर पॉर्टस के रेट कम होने चाहिए।

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