यमुनानगर से पंचकूला तक हाईवे बनने से गाड़ी जल्‍दी पहुंचती है: transporter-om-prakesh

यमुनानगर के रहने वाले ओम प्रकाश जी सन् 1997 से ट्रासपोर्ट लाइन में काम कर रहे है।  ओम प्रकाश जी ने बताया कि वे बजरी की स्‍पलाई का काम करते है। यमुनानगर से पंचकूला तक इनकी स्‍पलाई जाती है। ओम प्रकाश जी ने एक ट्रक के साथ ट्रांसपोर्टस के बिजनेस की शुरूआत की थी। ट्रांसपोर्टस लाइन में दिन रात मेहनत करते करते ओम प्रकाश जी ने और गाडियों को डालने के बारे में सोचा फिर धीरे धीरे करते ओम प्रकाश जी ने एक एक करके ट्रक लेने शुरू कर दिए। ओम प्रकाश जी की मेहनत आखिर कार रंग लाई अपनी मेहनत के बल पर 16 ट्रक बनाए । ओम प्रकाश जी मोबाइल फोन का प्रयोग करते है। ओम प्रकाश जी कि वह ऐसी सुविधा का उपयोग नही करना चाहते जिससे इनके खाली ट्रक को माल मिल सके। क्‍योंकि इनका अपना बजरी स्‍पलाई का काम है। ओम प्रकाश जी का मानना है कि transporter लाइन में जीएसटी लगने के बाद परेशानी आ गई है जहां माल भेजते है वो बिल मांगते है। बिल को लेकर समस्‍या है। ओम प्रकाश जी ने बताया कि पिछले पांच सालो में ट्रांसपोर्टस लाइन में काफी परेशानी है व्‍यापारी लोगों को तो फायदा है। अब आानलाइन बुकिंग, आनलाइन पेमेंट हो रही है। लेकिन ट्रांसपोट्रस का इससे ज्‍यादा फायदा नही है। उनका कहना है कि यमुनानगर से पंचकूला तक हाईवे बनने से सडकाें को लेकर दिक्‍कत नही है। अब रोड सही होेने से गाड़ी जल्‍दी पहुंच जाती है। ओम प्रकाश जी चाहते है कि डीजल के रेट बढने से  गाडी का भाडा बढना चाहिए। ओम प्रकाश जी गाडियों को अंडरलोड चलाने को ही सही मानते है। उनका कहना है कि अंडरलोड गाडी चलाने से गाडी की सेफटी बनी रहती है गाडी में रखा माल भी सेफ रहता है। साथ ही ड्राइवर की जान जाने का खतरा भी कम ही रहता है।ओम प्रकाश जी ने ट्रांसपोर्टस बिजनेस में होने वाली दिक्‍कत के बारे मेे कहां कि जहां से हम लोग माल लेते है। वो बिल नही देते और यहां पर हम माल पहुंचाते है वो बिल मांगते है। उनका सुझाव है कि सरकार से ये चाहते है कि ट्रासपोर्टस के लिए भी कुछ साोचे ताकि उनको भी फायदा हो।

 

 

 

 

 

 

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