आज के समय में ट्रांसपोर्टस लाइन में नई नई तकनीकों का प्रयोग होने लग गया: transporter-charanjeet-singh

चरणजीत सिंह सन् 1976 से ट्रांसपोर्टस लाइन से जुडे है। चरण जीत सिंह जी को ट्रांसपोर्टस लाइन का काफी अनुभव है। उन्‍होंने बताया कि उन्‍हे 43 साल हो गए ट्रांपोर्टस लाइन में काम करते हुए। दो गाडियां अपनी है बाकी अटैच गाडियां भी ले रखी है। चरणजीत सिंह जी ने बताया कि जिन ट्रांसपोर्टस के पास एक गाडी है उनकी गाडियों में जीपीएस न भी तो कुछ खास फर्क नही पडता है। लेकिन जिस ट्रांसपोर्टस की गाडियों की संख्‍या काफी है उन्‍हे तो अपनी गाडियों में जीपीएस लगवाना ही चाहिए। जीपीएस लगे होने की वजह से गाडी की लोकेशन का पता रहता है गाडी किधर पहुंच गई है। कब तक माल लेकर पहुचने वाली है यह सब आसनी से जीपीएस की सहायाता से देखा जा सकता है। चरणजीत सिंह जी ने बताया कि आज के समय में ट्रांसपोर्टस लाइन में नई नई तकनीकों का प्रयोग होने लग गया है। अब फास्‍ट टैग को ही ले लो गाडियों में फास्‍ट टैग के लगे होने से काफी फायदे है। फास्‍ट टैग की सहायाता से गाडी वाले का समय बच जाता है। पहले गाडी को हर टोल पर रूक कर टोल का भुगतान देने के लिए लंबी लाइनों में लगना पडता था। फास्‍ट टैग के आने से टोल पर भुगतान की झंझट बाजी से भी छुटकारा मिला है। फास्‍ट टैग के लगे होने से गाडी सीधा टोल बैरियर से निकल जाती है। ई वे बिल के बारे में बात करे तो बार्डर पर पहले काफी चैकिंग होती गाडियों की गाडियों को बार्डर से पार कराने में दो से तीन दिन का समय लग जाता था। ई वे बिल के आने से बार्डर से ब‍ैरियर हट गए है। गाडियों को भी चैकिंग के लिए नही रोका जाता है। ई वे बिल पास में होने पर अब सेल्‍स टैक्‍स डिपाटमेंट वाले भी परेशान नही कर सकते है। चरणजीत जी ने बताया कि गाडियों में अंडरलोड ही डालते है पुलिस वाले परेशान नही करते है गाडियों में अंडरलोड डालने से। गाडी भी सुरक्षित रहती है अंडरलोड गाडी चलाने से। चरणजीत सिंह जी ने मोटर व्‍हीकल  एक्‍ट पर विचार रखते हुए कहा कि सरकार ने नए मोटर व्‍हीकल को एक्‍ट को पास कर चालान के रेट को चार गुण बढा दिया है। सडक सुरक्षा और यातायात नियमों को ध्‍यान में रखते हुए सरकार ने हेवी चालान के रेट तय किए है। चरणजीत का कहना है कि इतने हेवी चालान के रेट पे करना मुश्‍किल है सरकार को चालान के रेट कम करते चााहिए। चरणजीत सिंह जी का सुझाव है कि इंडस्‍टी में काम बढे तो ट्रांसपोर्टस को किसी भी तरह की कोई दिक्‍कत नही होगी।

 

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