online system से घर बैठे हो जाता है काम : transporter Desh Raj

देसराज जी हिमाचल प्रदेश के रहने वाले है। देसराज जी ट्रक यूनियन के साथ मिलकर ट्रांसपोर्टस का काम करते है।  यूनियन के साथ अटैच गाडियों को माल देते है। देसराज जी का कहना है कि ट्रांसपोर्टस का काम बढिया चल रहा है।  देसराज जी ने बताया की ट्रांसपोर्टस के बिजनेस के online होने से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फायदा हुआ है। ट्रांसपोर्टस के बिजनेस के ऑनलाइन होने से ट्रांसपोर्टस में काफी सुधार हुआ है। ऑनलाइन सिस्‍टम से पेपर वर्क भी काफी आसान हो गया है । पहले घंटों लाइन में खडे रहकर गाडी के पेपर तैयार  करवाने पडते थे। ऑनलाइन सिस्‍टम के आने से ट्रांसपोर्टस लाइन में काफी चेंज देखने को मिला है।  अब सारा काम घर बैठे कम्‍प्‍यूटर पर हो जाता है। इससे टाइम वेस्‍ट नहीं होता है। देस राज जी ई वे बिल को ट्रांसपोर्टस  लाइन के लिए बहुत ही बढिया बताते है। उनका कहना है कि ई वे बिल के आने से समय की बचत हुई है। अब गाडियों को बार्डर पर बार बार  चैक करवाने के लिए नही रोका जाता है। गाडियों में जीपीएस लगा होने से कभी भी गाडी की लोकेशन देख सकते है। उनका कहना है कि अब गाडियों के मॉडल में पहले से काफी सुधार आया  है। अब गाडियां पहले से काफी अच्‍छी मॉडल की आई है और गाडियों के इंजन एक दम बढिया क्‍वालटी के है।  देसराज जी गाडी को अंडरलोड चलाना ही सही मानते है। उनका कहना है कि अंडरलोड गाडी चलाने से गाडी भी सेफ रहती है और गाडी का चालान भी नहीं होता है। जबकि ओवरलोड से नुकसान ही नुकसान है। देसराज जी टोल टैक्‍स  और रोड  टैक्‍स को ट्रांसपोर्टस  के लिए  सबसे बडी दिक्‍कत मानते है। वे कहते है कि पुराने ट्रांसपोर्टस के साथ  जानकारी  होनी चाहिए ताकि गाडी को माल मिल सके। देसराज जी का मानना है कि आज के समय में कंपटीशन काफी बढ गया है बिना जानकारी के ट्रांसपोर्टस का काम चल ही नही सकता है। इसलिए इस बिजेनस में आने वालों को इस लाइन की पूरी समझ होनी चाहिए।

 

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