आनलाइन सिस्‍टम ने ट्रसंपोर्ट बिजनेस को पूरी तरह चेंज कर दिया : transporter jandeep singh

जनदीप सिंह जी पंजाब में चण्‍डीगढ के रहने वाले है  । वे 1994 से इस लाइन मेें है। इन्‍होंने एक गाडी के साथ ट्रांसपोर्टस के काम की शुरूआत की थी। आज इनके पास खुद की पांच गाडियां है। इनका कहना है कि जब काम की शुरूआत की थी काम बहुत ही बढिया चल रहा था। आज पूरे देश में मंदी छाई है। इसका असर ट्रांसपोर्ट लाइन पर भी पड़ रहा हे। इनका कहना है कि आज ट्रांसपोर्टस लाइन में कंपटीशन काफी बढ गाया है। कंपटीशन के बढने से मार्केट में माल की कमी हाे गई है । जनदीप सिंह कहते है कि ट्रांसपोर्ट बिजनेस में पढे लिखे लोगों के आने से अब यह बिजनेस बढिया माना जाने लगा है। वे कहते है कि आनलाइन सिस्‍टम ने इस बिजनेस को पूरी तरह चेंज कर दिया है।  गाडियों में जीपीएस के लगे होने से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फायदा होता है । अब पता रहता है कि गाडी कहां पर खडी है और किस स्‍पीड से चल रही है , यह जीपीएस की मदद से आसानी से देख सकते है। इनका कहना है कि ई वे बिल को लॉग टाईम के लिए देखे तो फायदे मंद है और अगर शॉट टाईम के लिए देखे तो ई वे बिल का नुकसान है। क्‍योंकि ट्रांसपोर्टस लाइन में ई वे बिल के आने से काफी फायदे हो गए है अब गाडी को बार्डर पर बार बार चैक करवाने के लिए नही रूकना पडता है ई वे बिल के होने से सेल्‍स टैक्‍स वाले लोग परेशान नही करते है , पहले इस काम में काफी दिक्‍कत आती थी , लाइन में घण्‍टों खडे रहकर बिल बनवाना पडता था । अब फायदा हो गया है ई वे बिल के आने से । इससे व्‍यपारी लोगो को बहुत फायदा हुआ है। जनदीप जी गाडी को अंडरलोड चलाना ही पंसद करते है क्‍योंकि अंडरलोड गाडी को चलाने से गाडी को नुकसान नही होता है। इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत यह आ रही है कि कंपटीशन काफी हो गया है। ट्रांसपोर्टस लाइन में ड्राइवरों की कमी हो गई है। आए साल इंश्‍योरेंस और टैक्‍स के रूप में चार्ज किए जाते है। अगर यह पैसे एक ही बार में टैक्‍स के रूप में चार्ज कर लेने चाहिए बार बार टैक्‍स नहीं होना चाहिए।

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