जीपीएस से घर बैठे पता चल जाती है गाड़ी की स्‍पीड : transport अवतार सिंह

अवतार सिंह जी मोहाली के रहने वाले  है। अवतार सिंह जी 10-12 सालों से ट्रांसपोर्टस लाइन में काम कर रहे है। उन्‍होंने एक ट्रक से काम की शुरूआत की थी, अब  इनके पास खुद के सात ट्रक है।अवतार सिंह ने बताया कि उन्‍होंने कड़ी मेहनत से खुद के सात ट्रक बनाए है।इस लाइन में मेहनत करने वालों को सक्‍सेज जरूर मिलती है। अवतार सिंह जी मोबाइल और इंटरनेट का प्रयोग करते है। अवतार सिंह जी ने बताया है कि ट्रांसपोर्टस के बिजनेस के ऑनलाइन होने से वे इसका पूरा फायदा उठा रहे है। ट्रांसपोर्टस के काम को काफी फायदा हुआ है। अब गाडी में ऑनलाइन डीजल डलवा सकते है, ऑनलाइन पेमेंट कर स‍कते है, माल की भी पेमेंट आनलाइन मिल जाती है। गाडियों में जीपीएस के लगे होने से ट्रांसपोर्टस के काम को काफी फायदा हुआ है । हम गाडी की लोकेशन को आसानी से देख सकते है । गाडी किस स्‍पीड से चल रही है और कहां पर पहुंच गई है, यह सब आसानी से पता चल जाता है।  अवतार जी का कहना है कि जीएसटी लगने के बाद ट्रासंपोर्ट लाइन मे काफी चेंज आया है। अब बार्डर पर ट्रक को पेपर चेक कराने के लिए नहीं रुकना पडताऔर समय बच रहा है। अवतार जी ने बताया कि पिछले पांच सालों में इस लाइन में काफी चेंज देखने को मिला है । गाडी के इंश्‍योरेंस काफी बढे है और खर्चा डबल हो गया है।अवतार सिंह जी गाडियों में ओवरलोड के खिलाफ है और गाडियों में अंडरलोड को सही  मानते है। उनका कहना है कि अंडरलोड गाडी चलाने से गाडी को नुकसान नही होता है और गाडी के टायर सेफ रहते है। उन्‍होंने कहा कि टासंपोर्ट बिजनेस में अब कारोबार में कमी आई है और काम कम हो गया है। सरकार को चाहिए कि वो इस लाइन पर टैक्‍स कम करें, इंश्‍योेरेंस के रेट भी कम किए जाए ताकि ट्रांसपोर्टर्स को राहत मिल सके।

 

 

 

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