डीजल के रेट बढने पर भाडा भी बढना ही चाहिए : transporter ajmer

अजमेर जी गाजियाबाद के रहने वाले है। वे पिछले सात साल से ट्रांसपोर्ट लाइन में काम कर रहे है। उन्‍होंने एक ट्रक के साथ अपने काम की शुरूआत की और आज अपनी मेहनत व लगन से 12 ट्रक बनाए हैं।  अजमेर जी मोबाइल का प्रयोग करते है, ताकि वह ऑनलाइन सुविधा का प्रयोग कर सके,  जिससे उन्‍हे उनके खाली ट्रक के लिए माल मिल सके। अजमेर जी का कहना है कि जीएसटी लगने के बाद ट्रांसपोर्ट लाइन मे यह चेंज आया है कि पहले काम कच्‍चा था अब काम पक्‍का हो गया है। अजमेर जी का कहना है कि पिछले पांच सालों में यही चेंज आया है कि पहले ट्रांसपोर्टस लाइन में कुछ ट्रक विक्रेता गाडी के लेन देन में कुछ घपला कर देते है, जिसकी वजह से ट्रांसपोर्टस को आर्थिक नुकसान होता था, लेंकिन अब ऐसा नहीं होता। अब प्रत्‍येक कार्य ऑनलाइन होने से गाडी के लेन देन की सारी कार्यवाही के कागज उपलब्‍ध होते है, जिससे धोखे की आशंका कम रह जाती है। उनका कहना है कि महाराष्‍ट्र की सडके बहुत ज्‍यादा खराब है। सडकों की खस्‍ता हालत के चलते वहां का सफर काफी मुश्किल भरा है। उनका कहना है कि डीजल के रेट बढते है तो भाडा तो बढना ही चाहिए,  क्‍योंकि भाडा न बढने से ट्रांसपोर्टरों को  आर्थिक नुकसान पहुंचता है। उनका कहना है कि इस लाइन में बढिया ड्राइवर भी नहीं मिलते, जो मिलते है वह कैश पैसे मांगते है। अजमेर जी ओवरलोड को सही नही मानते है, क्‍योंकि इससे ड्राइवर की सुरक्षा नहीं रहती और ट्रैफिक रूल्‍स भी टूटते है। अधिकतर देखा जाता है कि ओवरलोड  की वजह से सडकाें पर जाम की स्थिति बनी रहती है, जिससे अन्‍य वाहन चालकों को काफी दिक्‍कतों का सामना करना पडता है।  उनका कहना है कि ट्रांसपोर्ट बिजनेस में दिक्‍कत यह आ रही है टोल टैक्‍स काफी बढ गए है दूसरा मालभाडा नही बढ रहा है। सरकार से ये चाहते है कि भाडा बढना चाहिए और टोल टैक्‍स में छूट मिलनी चाहिए।

 

 

 

 

 

 

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