डीजल के रेट 50 प्रतिशत कम होने चाहिए: transporter-amarjeet-singh

अमरजीत सिंह जी पंजाब में मोगे के रहने वाले है।  इन्‍होंने ट्रांसपोर्टस के बिजनेस की शुरूआत तीन गाडियों से की थी। इनके पास खुद की 12 गाडियां हो गई थी। इनका कहना है कि इन्‍होंने जब काम शुरू किया तब काम बढिया था। उन्‍होने 3 गाडियों से 12 गाडियां बना ली , लेकिन बाद में काम में मंदी की वजह से 12 गाडियों में से दो ही रह गई है। इनका कहना है कि सन् 2007 में ट्रांसपोर्टस का बिजनेस बहुत ही बढियां चल रहा था 2007 से लेकर 20012 तक काम किया तब तक भी काम बढिया चल रहा था, लेकिन 2012 के बाद इस काम में मंदी आ गई। फिर काम बंद कर दिया अब फिर दो गाडियों से काम शुरू किया है। इनका कहना है कि गाडियों में जीपीएस का फायदा है गाडी का पता रहता है कि गाडी कहां पर खडी है। ई वे बिल से समय बच जाता है और गाड़ी माल छोड़कर जल्‍दी आ जाती है। इनका कहना है कि जीएसटी की वजह से काम कम  हो  गया है। अमरजीत सिंह जी  गाडियों को अंडरलोड चलाना पंसद करते है क्‍योंकि अंडरलोड गाडी चलाने से गाडी को नुकसान नही होता है। अंडर लोड गाडी चलाने से माल और जान दोनो की सेफटी बनी रहती है। उनका कहीना है कि इस बिजनेस में सबसे ज्‍यादा दिक्‍कत यह आ रही है कि मार्केट में गाडियों की संख्‍या बढने से काम कम हो गया है। गाडी को माल मिल नही रहा काम के लिए और भाडे के रेट पूरे मिल नही रहे। डीजल के रेट बहुत बढ गए है। डीजल का रेट बढने पर भाड़ा नहीं बढता है। इनका सुझाव है कि डीजल के रेट 50 % कम होने चाहिए। ट्रांसपोर्टस को किलाेमीटर के हिसाब से भाडे के रेट मिलने चाहिए। पुरानी गाडियों को सरकार को बंद ही कर देना चाहिए।

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