दूसरों के लिए मिसाल है Transporter मुकेश, अपनी मेहनत से बनाए पांच ट्रक

Digital जमाने में ट्रांसपोर्ट लाइन को हो रहा है फायदा : ट्रांसपोर्टर मुकेश
ट्रांसपोर्टर मुकेश उन युवाओं के लिए एक मिसाल है, जो ट्रांसपोर्ट लाइन में अपना future बनाने की सोच रहे हैं। मुकेश करीब 20 साल से ट्रांसपोर्ट लाइन में है। जब मुकेश ट्रांसपोर्ट लाइन से जुडे थे तो इनके पास एक भी ट्रक नहीं था। उन्‍होंने दिन रात कडी मेहनत कर कुछ रकम इकट़ठा की और उससे एक ट्रक खरीदा। एक ट्रक के मालिक बनने के बाद भी उन्‍होंने मेहनत से मुंह नहीं मोडा। अपनी मेहनत के बलबूते उन्‍होंने कुछ सालों में ही दूसरा ट्रक खरीद लिया। आमदनी बढी तो उन्‍होंने पैसे जोडकर एक और ट्रक खरीद लिया। इस तरह बीस सालों में उन्‍होंने एक एक कर पांच ट्रक खरीद लिए। मुकेश आज कई लोगों को रोजगार दे रहे हैं। मुकेश ने इस लाइन में कई उतार चढाव देखे है। मुकेश कहते है कि अब जमाना डिजिटल का है। इससे ट्रांसपोर्ट लाइन को फायदा भी हो रहा है। गाडियों में डीजल भी ऑनलाइन भरा जाता है। अब ड्राइवरों को पैसे दने की जरूरत नही पडती। सारा काम ऑनलाइन होने लगा है। ट्रेकिंग सिस्‍टम कर दिया है जिससे गाडी का पता लग जाता है कि कहां पर खडी है। माल भी आनलाइन मिल जाता है। मुकेश भी ऐसी सुविधा से जुडना चाहते है, जिसे उन्‍हें आनलाइन माल मिल सके। मुकेश कहते है कि GST लागू होने के बाद ट्रांसपोर्ट लाइन को काफी फायदा हुआ है। अब काम बढियां हो गया है। सारा काम एक नंबर में चल रहा है। मुकेश का मानना है कि ट्रको में ओवरलोड नहीं होना चाहिए। इससे ट्रक और टायर की लाइफ कम होती है। साथ ही एक्‍सीडेंट का खतरा भी बना रहता है। मुकेश कहते है कि ट्रांसपोर्ट लाइन में खर्चे पहले से काफी बढ गए हैं। रास्‍ते में ट्रक ड्राइवरों को कई बार तो बेवजह तंग किया जाता है। सबसे ज्‍यादा परेशानी आरटीओ और पुलिस से होती है। उनका मानना है कि यदि इस लाइन का अनुभव हो और कडी मेहनत की जाए तो सफलता जरूर मिलती है।

 

 

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