ट्रांसपोर्टर के पढे लिखे बच्‍चों के बिजनेस में आने से बढा online का क्रेज : चंदन

*गाडियों मे बढाए गए वजन को सही नहीं मानते ट्रांसपोर्टर चंदन

चंदन 15 सालों से ट्रांसपोर्ट बिजनेस में है। इस दौैरान उन्‍हें इस लाइन का अचछा अनुभव हो गया है। ट्रक सुविधा से बात करते हुए चंदन ने बताया कि वे मार्केटिंग का काम करते है गाडियों को लोड करवाते है। उनका मानना है कि ट्रांसपोर्ट लाइन में online का प्रभाव लगातार बढ रहा है। इसकी मुख्‍य वजह पढे लिखे लोगों का इस लाइन में आना है। साथ ही पुराने ट्रांसपोर्टर के बच्‍चे पढ लिखकर इस लाइन में आ रहे है और वे online काम कर रहे हैं। उन्‍हें देखकर दूसरे भी onilesystem अपना रहे है। चंदन का मानना है ट्रासपोर्ट बिजनेस के digital होने से इससे काफी चेंज आया है। olnine  काम करने का सबसे बडा फायदा ये है कि इससे समय बचता है। वहीं पैसे की बचत भी होती है।
चंदन ने बताया कि वे खुद भी online काम करते है और truck suvidha.com के साथ जुडे है। चंदन का मानना है कि जीएसटी लगने के बाद कोई खास चेंज नहीं आया है। हालांकि अब रास्‍ते में गाडियों को पेपर चेक करवाने के लिए नहीं रुकना पडता, लेकिन जीएसटी के कारण काम पहले से कम हो गया है।चंदन कहते है कि ट्रांसपोर्ट बिजनेस में खर्चे काफी बढ गए है। डीजल के रेट भी हर महीने बढ जाते है। लेकिन भाडे नहीं बढते। यह रूल होना चाहिए कि साल में कम से कम दो बार भाडा बढना चाहिए। चंदन गाडियों में ओवरलोड को सही नहीं मानते है। ट्रांसपोर्ट बिजनेस की दिक्‍कते के बारे में उनका कहना है कि गाडियों में वजन को लेेकर परेशानी का सामना करना पडता है। चंदन का सुझाव है कि  सरकार ने 16 टन की गाडियों  को 19 टन और 21 टन की गाडियों को 25 टन किया गया है, इसे रूल को वापस लेना चाहिए। ट्रांसपोर्ट पर जो टैक्‍स है, उसे कम किया जाना चाहिए। सरकार छोटे  इंडस्‍ट्री को बढावा दें, जिससे ट्रांसपोर्ट का काम भी बढेगा।

 

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