ट्रांसपोर्टर्स में यूनिटी हो तो भाड़ा भी बढाया जा सकता है : transporter-lakshman-singh

लक्ष्‍मण सिंह जी पंजाब में मोहाली के रहने वाले है। जब इन्‍होंने काम की शुरूआत की थी तब इनके पास खुद का एक ही ट्रक था। अपनी मेहनत के बलबूते पर इन्‍होंने तीन ट्रक और तैयार किए । इनका कहना है कि यह इस बिजनेस में इस प्रकार सक्‍सेज हुए । इन्‍होंने पहले खुद ड्राइवरी की और  ड्राइवरी करते करते अपनी गाडियां डालनी शुरू की और धीरे धीरे अपनी खुद की एक एक करके तीन गाडियां ले ली। इनका कहना है कि अब ट्रांसपोर्टस बिजनेस ऑनलाइन हो रहा है । इससे काम आसान हो गया है। अब माल आनलाइन मिल जाता है।  ई वे बिल का ट्रांसपोर्टस बिजनेस में कुछ हद तक फायदा है एक समय बच जाता है और गाडी को बार्डर पर ज्‍यादा समय के लिए नही रूकना पडता है। ई वे बल से गाड़ी जल्‍दी माल उतारकर आ जाती है।इससे समय बच जाता है और ड्राइवर को भी आराम का समय मिल जाता है। इनका कहना है कि ओवर लोड नही होना चाहिए। गाडी में ओवरलोड डालेंगे तो नुकसान तो गाडी को ही होता है। ओवरलोड से व्‍यापारी काे तो फायदा है । हमे तो ओवरलोड का भाडा भी  उतना ही मिलता है । ओवरलोड डालने पर पुलिस व आरटीओ वाले अलग परेशान करते है। इनका कहना है कि इस बिजनेस की सबसे बडी दिक्‍कत यह कि  भाडे के रेट सही नही मिलते है। डीजल के रेट हर महीने बढ जाते है, लेकिन भाड़ा नहीं बढता है। होना तो यह चाहिए कि जब डीजल के रेट बढे तो भाड़ा भी जरूर बढें। ये तभी हो पाएगा जब यूनियन मजबूत होगी।अगर सभी ट्रांसपोर्टर्स में यूनिटी हो तो भाड़ा भी बढाया जा सकता है। इनका सुझाव है कि सरकार ट्रांसपोर्ट लाइन मे  टैक्‍स में छूट दें और टोल टैक्‍स नहीं लिया जाना चाहिए क्‍योंकि ट्रांसपोर्टर्स से रोड टैक्‍स तो लिया ही जा रहा है।

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