गाडी को चलाने के घण्टे तय होने चाहिए : transporter-gurmeet-singh
गुरमीत सिंह पंजाब के होशियारपुर के रहने वाले है। वे 15 सालों से ट्रांसपोर्ट बिजनेस में है। उन्होने एक ट्रक के साथ काम शुरू किया था। आज उनके पास छह ट्रक है। अपने अनभव सांझा करते हुए गुरमीत सिंह जी ने कहा कि अब ट्रांसपोर्ट लाइन में काफी चेंज आ गया है। सबकुछ आनलाइन हो रहा है। आनलाइन माल मिल जाता है। ई वे बिल का भी ट्रांसपोर्टस लाइन में काफी योगदान है। ई वे बिल के आने से ट्रांसपोर्टस का काफी समय बच जाता है। ई वे बिल के आने से हर राज्य में एंटरी पर जो पर्ची लगती थी वह सिस्टम खत्म हुआ है। उनका कहना है कि सरकार ने गाडियों की कीमते काफी बढा दी है। गाडी की कीमते गिरनी चाहिए। उनका कहना है कि जो व्यापारी गाड़ी में ओवरलोड करवाते है, उन पर भी जुर्माना लगना चाहिए। उनका कहना है कि ट्रांसपोर्ट में सबसे ज्यादा दिक्कत तो पेमेंट को लेकर होती है । पेमेंट लेट मिलती है। पुलिस वाले तंग करते है। पुलिस वाले जगह जगह पर गाडी खडी कर देते है। कागजी कार्यवाही के नाम पर मनमर्जी की वसूली करते है। उनका कहना है कि इस लाइन में टैक्स बहुत ज्यादा है। थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के रेट भी बहुत बढ गए है। गाड़ी वाले रोड टैक्स तो देते ही है, उनसे टोल टैक्स भी लिया जाता है। अगर सरकार रोड टैक्स लेती है तो टोल टैक्स तो बनता ही नहीं है। आजकल मंदी चल रही है। गाडी को माल नही मिल रहा है गुरमीत सिंह जी का सुझाव है कि ऐसा सिस्टम बनाना चाहिए कि गाडी को चलाने के घण्टे तय होने चाहिए कि कोई गाडी रोज इतने घण्टे ही चलेगी। इससे ड्राइवरों को भी आराम मिलेगा और गाड़ी की लाइफ भी बढेगी। उनका मानना है कि गाडियों की संख्या मार्केट में बढने से भी ट्रांसपोर्टस लाइन में भाडे के रेट तय नही होते है । आज के समय में गाडियों के काम में कंपटीशन भी काफी बढ गया है।
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