रोड टैक्‍स और टोल टैक्‍स में कोई एक टैक्‍स होना चाहिए : transporter-batish-kumar

बातिश कुमार  पंजाब के जालंधर  के रहने वाले है। इनका कहना है कि  वे पहले एकांउटेंट का काम करते थे  फिर इस लाइन में आ गए  है। इनका कहना है  कि जब  काम शुरू किया था तब काम बढिया चल रहा था लेकिन  पिछले कुछ महीने से काम में मंदी आ रही है  गाडी का काम अब ऑनलाइन भी हो रहा है लेकिन ऑनलाइन  सिस्‍टम में भाडे के रेट नही मिल पाते। कंपनी तो भाडे के रेट अच्‍छे देती है लेकिन इस काम में इतने ब्रोकर होने की वजह से ट्रांसपोर्टस की असली कमाई तो वह लोग खा जाते है।  इनका कहना है कि पिछले 2 सालो से भाडे के काफी कम हो गए है।  ई वे बिल का फायदा तो व्‍यापारी लोगो को हो रहा है। आज कल ट्रांसपोर्टस लाइन में  कंपटीशन काफी बढ गया  है। कंपटीशन के बढने से मार्केट मे गाडियों की संख्‍या काफी बढ गई है।  गाडियों की संख्‍या  बढने से मार्केट मे माल मिलना मुश्‍किल होगया है। उनका कहना है कि  गाडी में ओवरलोड डालने से गाडी को नुकसान होता है। टायर फट जाते है  गाडी के और ड्राइवर की जान का भी खतरा बना रहता है ओवरलोड होने से इसलिए अंडर लोड गाडी चलाना ही ठीक है। इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत यह है कि भाडे के रेट कम है और हर चीज के खर्चे बढ रहे है। भाडे के रेट तो बीस साल पुराने है लेकिन गाडी के खर्चे आज के हिसाब से है। डीजल के रेट और इंश्‍योरेंस के रेट इतने बढ गए है कि गाडी का खुद का खर्चा निकालना मुश्‍किल है।उनका सुझाव है कि डीजल के रेट कम हो और भाडे के रेट बढने चाहिए। सरकार को चाहिए कि ट्रांसपोर्टस से टोल टैक्‍स नहीं लिया जाना चाहिए क्‍योंकि वो रोड टैक्‍स भी देते है। रोड टैक्‍स और टोल टैक्‍स में कोई एक टैक्‍स होना चाहिए।

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