करनेल सिंह कहते है कि आनलाइन सिस्‍टम से फायदा है तो कुछ नुकसान भी …..

करनेल सिंह जी पंजाब के रहने वाले है। करनेल सिंह जी एक ट्रांसपोर्टर के यहां मुंशी है। उन्‍हें इस बिजनेस का काफी अनुभव है। उनका कहना है कि इन बिजनेस में पिछले 10-20 सालों में काफी चेंज आ गया है।अब आनलाइन काम होता है। पहले सारा हिसाब नोट करना पडता था, अब तो कंप्‍यूटर में हो जाता है। उनका कहना है कि ऑनलाइन सिस्‍टम से कुछ हद तक फायदा भी और नुकसान भी है। चैक के जरिए पेमेंट होती यह फायदा भी है। लेकिन जब कैश की जरूरत होती है  तब चैक काम मे नही आता है क्‍योंकि चैक को कैश करवाने में समय लगता है। करनैल सिंह कहते है कि ई वे बिल का बहुत फायदा होता है। अब सारा काम एक नंबर में हो गया है। दो नंबर का काम खत्‍म हो गया  है। इनका कहना  है कि ओवरलोड गाडियों में गलत है ओवरलोड को बिल्‍कुल भी सही नही मानते है। ओवरलोड करने से गाडी को नुकसान होता है। गाडी के ट्रायर घिस्‍स जाते है और गाडी की रिपेयर पर ज्‍यादा खर्च होता है। इसलिए अंडरलोड सही नहीं है। वे कहते है कि अब इस बिजनेस में खर्चे काफी बढ गए है और कमाई कम हो गई है।  टोल टैक्‍स और इंश्‍योरेंस बहुत मंहगे हो गए है। गाडियों की मेनटेंनस भी काफी बढ गई है। डीजल के रेट तो हर महीने बढ जाते है, लेकिन भाडा नहीं बढता है। जिनके पास एक दो गाडियां है, उन्‍हें काफी दिक्‍कत हो रही है क्‍योंकि कमाई कम है। गाडी के साथ घर का खर्च भी निकालना है। इनका सुझाव  है कि गाडी के खर्चे कम होने चााहिए जैसे रोड टैक्‍स, रोड टैक्‍स और इंश्‍योरेंस में रियायत मिले तो बिजनेस बढिया चलेगा ट्रांसपोर्टस का और सभी ट्रासंपोर्टस को फायदा होगा। साथ ही डीजल के रेट बार बार बढते है तो भाडा भी जरूर बढना चाहिए।

 

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