दलवीर सिंह का मानना है कि आनलाइन सिस्टम से फायदे के साथ साथ नुकसान भी है
transporter दलवीर सिंह उन लोगों के लिए मिसाल है जो ट्रांसपोर्ट लाइन में अपना भविष्य बनाने की सोच रहे है। इन्होंने एक ट्रक से इस बिजनेस में काम शुरू किया था और आज इनके पास खुद की 18 गाडियां हैं। दलवीर सिंह जी पंजाब में लुधियाना के रहने वाले है। दलवीर सिंह का मानना है कि कुछ समय से इस लाइन में मंदी की मार पड रही है। पहले काम की कोई कमी नहीं होती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। ट्रांसपोर्टर की गाडी खाली खडी रहती है। गाडी जल्दी लोड नही होती है। गाडी के लिए माल नही मिलता है।अगर माल मिल भी जाए तो भाडे के रेट सही नही मिलते है। इनका कहना है कि ट्रांसपोर्टस बिजनेस में आनलाइन सिस्टम आने से फायदे के साथ साथ नुकसान भी हुआ है। ई वे बिल से नुकसान हुआ है क्यों कि व्यपारी लोग गाडी को अब गोदाम समझते है। गाडी तीन से चार तीन तक माल समेत खडी रहती है। गाडी वाले को तो भाडा तो उतना ही मिलना है चाहे तीन से चार दिन तक गाडी खडी रहे। इनका कहना है कि इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्कत यह आ रही है कि ऑनलाइन पेमेंट होती है। ऐसे में ड्राइवर के हाथ में कैश की जगह चैक होता है, जिससे उसे रास्ते में दिक्कते झेलनी पडती है। रास्ते में जरूरत पडने पर काफी मुश्किल हो जाती है। टोल टैक्स इतने बढ गए है की 1200 से 2000 रूपए एंटरी फीस लगती है। दलवीर सिंह का मानना है कि ओवरलोड से गाडी को नुकसान होता है और गाडी पलटने का डर बना रहता है। ड्राइवर की जान को भी खतरा रहता है इसलिए ओवरलोड सही नही है। इनका कहना है कि ट्रांसपोर्टस बिजनेस मे नई पीढी के आने से कुछ खास चेंज नही आया है। इनका सुझाव है कि डीजल के दाम कम होने चाहिए। भाडे के रेट बढने चाहिए।इस लाइन मे बढते खर्च को देखते हुए सरकार को इंश्योरेंस के रेट कम करने चाहिए ।
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