सरकार को इंश्योरंस टैक्स के रेट कम करने चाहिए : transporter-vishal
विशाल जी हरियाणाके भिवानी के रहने वाले है। इनका कहना है कि इन्हे ट्रांसपोर्टस लाइन में 35 साल हो गए है काम करते हुए इनका कहना है कि वे मार्केट से गाडियों को लेकर गाडियों को बुक करवाने का काम करते है। वे कहते है कि इस लाइन मे कमाई तो है, लेकिन कभी कभी काम मंदा हो जाता है। अगर काम डाउन हो तो घबराना नहीं चाहिए क्योंकि काम अप भी हो सकता है। इनका कहना है कि यह काफी ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम कर चुके है फिर इनके मन में आया क्यों न खुद की ट्रांसपोर्टस का काम खोला जाए अब यह खुद मार्केट से गाडियों को बुक करवाने का काम करते है। इनका कहना है कि आज ट्रांसपोर्ट बिजनेस ऑनलाइन होने से यह फायदा हो रहा है कि जीपीएस से गाडी का पता चल जाता है कि गाडी कहा पर खडी है। इनका कहना है कि ई वे बिल से यह फायदा है ट्रांसपोर्टस बिजनेस में अब बार्डर पर गाडियों को ज्यादा समय के लिए खडा करके नही रखते । अब समय बच जाता है बार्डर पर और गाडी समय से पहुंच जाती है। इनका कहना है कि ओवरलोड गाडी चलाने से नुकसान होता है एक तो ड्राइवर की जान को खतरा बना रहता है। गाडी डीजल ज्यादा पीती है। इनका कहना है कि ट्रांसपोर्टस बिजनेस मे सबसे बडी दिक्कत यह आ रही है कि भाडे रेट नही मिलते है और हर चीज के रेट दोगुण हो गए है। रोड टैक्स, ट्रोल टैक्स , इंश्योरेंस इनका कहना है कि बचत कुछ नही है रेट सब चीजो के मंहगे हो गए है इनका सुझाव है कि सरकार को इंश्योरंस टैक्स के रेट कम करने चाहिए ताकि बचत हो ट्रांसपोर्टस लाइन मे और ट्रांसपोर्टस अपना बिजनेस आगे बढा सके। अगर काम बढेगा तो और लाेग भी इस लाइन में आएंगे।
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