आनलाइन सिस्टम को ट्रांसपोर्ट लाइन के लिए अच्छा मानते है ट्रांसपोर्टर सौरभ
ट्रांसपोर्टर सौरभ कई साल से है इस लाइन में, वे कहते है कि खर्चे बढने से कम हो रही है आय
आइए आपको मिलाते है ट्रांसपोर्टर सौरभ से जो काफी टाईम से इस लाइन में है। उन्होंने दो ट्रको से काम की शुरूआत की थी और आज भी उनके पास दो ही ट्रक है। उनका मानना है कि ट्रांसपोर्ट लाइन मेें इंकम कम हो गई है, जबकि खर्चे काफी बढ गए है। इस डिजिटल युग में सौरभ फिलहाल मोबाइल का भी इस्तेमाल करते है। इस डिजिटल युग में जिस तरह हर काम आनलाइन हो रहा है। अब माल बुकिंग भी आन लाइन हो रही है। सौरभ आनलाइन बुकिंग को ट्रांसपोर्ट लाइन के लिए मददगार मानते है। वे भी ऐसी सुविधा के साथ जुडने के इच्छुक है। सौरभ का मानना है कि ट्रांसपोर्ट लाइन में ज्यादा चेंज नही आया है। हालांकि बिजनेस में थोडा तो आगे पीछे होता रहता है। सौरभ मानते है कि जीएसटी के बाद इस लाइन में सुधार हुआ है। पहले माल लेकर जाने वाले ट्रक कई कई दिन बाद पहुंचते थे, लेकिन जीएसटी लगने के बाद अब ट्रक जल्दी पहुंच जाते हैं। सौरभ कहते है कि ट्रांसपोट र्लाइन में खर्च काफी बढ गए है। टैक्स पहले से कई गुना ज्यादा हो गए है। टोल टैक्स भी जगह जगह हैं। इससे आमदनी कम हो रही है। उनका कहना है कि सरकार को ट्रासंपोर्ट लाइन में टैक्स कम करने चाहिए।
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