गाड़ी को अंडरलोड चलाना पसंद करते है transporter-jagga

जग्‍गा जी 2006 से ट्रांसपोर्ट लाइन में काम कर रहे है। उन्‍होंने एक ट्रक के साथ ट्रांसपोर्टस के काम  शुरूआत की। अपने अनुभव के बारे में उन्‍होने बताया कि ट्रांसपोर्टस लाइन में काफी मेहनत की और भगवान की कृपा से कामयाबी मिलने लगी। म ने पहले एक गाडी खरीदी फिर धीरे धीरे करके अपने दो ट्रक ले लिए आज मेरे पास दो ट्रक है जो कि मेरी मेहनत का ही नतीजा है। मैं मोबाइल का प्रयोग करता हूं और ऐसी ऑनलाइन सुविधा का प्रयोग करना चाहता हूं   जिसकी सहायता से मैे अपना ट्रांसपोर्टस का बिजनेस ओर आगे बढा सकूं। जीएसटी लगने के बाद ट्रांसपोर्टस लाइन में काफी तरह के चेंज देखने को मिले है। जीएसटी लगने के बाद बार्डर पर ट्रक को पेपर चेक कराने के लिए नही रूकना पडता है। अब  समय बच रहा है। पिछले पांच सालों से ट्रांसपोर्टस लाइन में यह चेंज देखने को मिल रहा है कि गाडी के भाड़े वही पुराने वाले चल रहे है लेकिन खर्चे आज की मंहगाई के हिसाब से चल रहे है। सरकार ट्रांसपोर्टस लाइन के ऊपर ध्‍यान नही दे रही है। उनका मानना है कि डीजल के रेट बढने से गाडियों के भाडे के रेट बढने चाहिए।  उन्‍हे गाडियों में ओवरलोड बिल्‍कुल भी पसंद नही है। ओवलोड गाडी चलाना खतरनाक रहता है जिसकी दुर्घटना होने के चांस रहता है। गाडियों को अंडरलोड ही चलाना पसंद करते है। अंडरलोड गाडी को चलाने से गाडी की सेफटी बनी रहती है। जगा जी का कहना है कि यादि डीजल के रेट बढते है तो गाडियों के भाडे के रेट भी बढने चाहिए। उन्‍होंने ट्रांसपोर्टस लाइन में आने वाली दिक्‍कतों के बारे में बताया कहा कि आजकल जिम्‍मेदार ड्राइवर नही मिलते और गाडी की मिनटेनस पर ज्‍यादा खर्च होता है। जग्‍गा जी का सुझाव है कि  पुलिस वाले जगह जगह पर गाडी को रोक कर तंग करते है, इस पर रोक लगनी चाहिए।

 

 

 

 

 

 

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