अगर सरकार ट्रकों से रोड टैक्‍स लेती है तो टोल टैक्‍स नहीं लेना चाहिए : transporter-harbhajan-singh

जयपुर के रहने वाले हरभजन सिंह जी  25 सालों से इस लाइन में काम कर रहे है। हरभजन सिंह जी ने बताया कि जयपुर में इनका ट्रासपोर्ट केयर के नाम से बिजनेस है। हरभजन सिंह जी ने 13 ट्रको के साथ काम की शुरूआत की थी, आज  इनके पास 250 गाडियां है। हरभजन सिंह जी मोबाइल, कंप्‍यूटर और इंटरनेट का प्रयोग करते है । इनका मानना है कि ये सब चीजे इनके काम को और आगे बढाने में काफी हेल्‍प करती है और काम को आसान भी बनाती है। हरभजन सिंह जी ऐसी ऑनलाइन सुविधा का प्रयोग करना चाहते है जिससे उनका काम ओर बढ सके और ट्रांसपोर्टस लाइन में फायदा हो। हरभजन सिंह जी ने बताया कि जीएसटी लगने के बाद ट्रांसपोर्टस लाइन में यह चेंज देखने को मिल रहा है कि अब समय की बचत हो जाती है। पहले समय नही बच पाता था। हरभजन के विचार के अनुसार इन पांच सालों में ट्रांसपोर्टस लाइन में काफी चेंज देखने को मिले है। ट्रांसपोर्टस का ज्‍यादातर काम ऑनलाइन हो गया है। अब कागजी कामों के लिए लंबी लाइनों में नही लगना पडता है। काम के ऑनलाइन होने से समय की काफी बच जो जाती है गाडी भी माल पहुंचाकर जल्‍दी वापिस आ जाती है। हरभजन के कहना है कि गाडी के डीजल के रेट बढते है तो गाडी के भाडे के रेट भी बढने चाहिए। हरभजन की गाडियों अंडरलोड ही चलाना पसंद करते है। अंडरलोड गाडी चलाने से एक्‍सीडेंट हाेने के कम चांस रहते है। हरभजन सिंह जी का मानना है कि इस लाइन में खर्चें काफी बढ गए है। ट्रांसपोर्टर को रोड टैक्‍स के साथ साथ टोल टैक्‍स भी देना पड़ता है जबकि रोड टैक्‍स और टोल टैक्‍स दोनों एक ही है। अगर सरकार ट्रकों से रोड टैक्‍स लेती है तो टोल टैक्‍स नहीं लेना चाहिए। उनका सुझाव है कि सरकार इस लाइन में टैक्‍स कम करे तो और लोग इस बिजनेस में आएंगे।

 

 

 

 

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