जीपीएस ने ट्रांसपोर्ट की टेंशन दूर कर दी : transporter-vishant

विशांत जी पिछले चार वर्षो से ट्रांसपोर्ट लाइन में है। विशांत जी का कहना है कि उनके पिता जी पिछले 35 वर्षो से ट्रांसपोर्ट लाइन में है। पिता जी ने इस लाइन में दिन रात मेहनत करके अपने 42 ट्रक बनाए है। वह आगे भी इस बिजनेस से जुड़े रहना चहते हे। विशांत जी का कहना है कि वह ट्रक सुविधा डॉट कॉम से जुडे हुए है। आनलाइन सियस्‍टम से इस बिजनेस को काफी  मदद मिल रही है। पहले इंटरनेट जैसी सुविधा का अभाव था, लेकिन आनलाइन सुविधा होने से पैमेंट टाइम टू टाइम और कभी भी कहीं भी हो जाती है। इसके साथ ही ट्रकों के लिए काम मिलने में भी सुविधा  मिल जाती है।इसके साथ ही जीपीएस ने भी ट्रांसपोर्टस की समस्‍याओं को काफी हद तक कम किया है। जीपीएस ने तो ट्रांसपोर्ट की टेंशन दूर कर दी है। गाड़ी कही पर भी हो, गाड़ी मालिक उसकी लोकेशन और गाड़ी की स्‍पीड देख सकता है। इससे ड्राइवरों की हेराफेरी भी खत्‍म हो गई है। कुल मिलाकर जीपीएस ट्रांसपोर्ट लाइन के लिए बहुत फायदेमंद है। विशांत जी का कहना है कि ट्रांसपोर्ट लाइन में दिक्‍कत ये है कि भाडे मंदे है जिस के कारण खर्चा निकल नही पाता। मुनाफे की बजाय घाटा होता है। उन्‍होंने कहा कि ओवरलोडिड वाहनों का सडको पर चलना खतरे से खाली नहीं है। इससे ड्राडवरों की जान को भी खतरा बना रहता है। लेकिन अपना खर्च व किस्‍त चुकाने के चक्‍कर में ओवरलोड लेकर चलना  मजबूरी बन जाता है । विशांत जी का मानना है कि सरकार को डीजल के रेट कम करने चाहिए। इसके साथ ही टोल टैैैक्‍स व रोड टैक्‍स में भी कटौती करनी चाहिए। क्‍योंकि इतना तो ट्रांसपोर्टस कमाते भी नहीं जितना की रोड पर निकलने के बाद टोल टैक्‍स व रोड टैक्‍स भरते है। अगर ट्रांसपोर्टर की इंकम बढैगी तोवो ओवरलोड भी नहीं करेगा।

 

 

 

 

 

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