जीएसटी को ट्रांसपोर्ट लाइन के लिए फायदेमंद मानते हैं ट्रांसपोर्टर अख्‍तर हुसैन

अख्‍तर हुसैन ने अपनी मेहनत के बलबूते ट्रांसपोर्ट लाइन में सफलता हासिल की है। ट्रांसपोर्ट लाइन में बीते कुछ समय में जो पोजिटिव बदलाव आए हैं, अख्‍तर हुसैन उन्‍हें इस लाइन के लिए आक्‍सीजन मान रहे हैं।

आप कितने साल से टांसपोर्ट व्यवसाय में है ?

चार साल से हूं।

पहले कितने ट्क थे और आज कितने हैं ?

पहले पांच थे और अब 22 हैं।

आप मोबाइल, कंप्यूटर और इंटरनेट का इस्‍तेमाल करते है ?

मोबाइल का इस्‍तेमाल करता हूं।

क्या आप ऑनलाइन ऐसी सुविधा का उपयोग करना चाहेंगे जिसमे आप अपने खाली ट्रक के लिए माल ढूंढ पाए?

हॉ, कुछ दिनाें पहले ही ट्रक सुविधा डाॅट काम से जुडा हूं।

जीएसटी के बाद ट्रांसपोर्ट बिजनेस में क्‍या बदलाव आया है ?

काफी चेंज आया है। अब गाडी जल्‍दी आ जा रही है।

इस व्यवसाय में पिछले चार सालों में कितना बदलाव आया है ?

अब पेपर की टेंशन नहीं होती है। यह बहुत बडा चेंज है।

गुडस टैक्स और रोड टैक्स चार सालो में कितना बढे और क्या उस अनुपात में आय बढी है ?

चार साल में टैक्‍स 20 से 30 प्रतिशत तक बढ गए है। लेकिन इंकम उतनी नहीं बढी है।

डीजल के दाम में बार-बार बढोतरी होने पर क्या भाडा भी बढना चाहिए ?

जरूर बढना चाहिए। हर 15 दिन में डीजल के रेट बढ जाते हैं, लेकिन भाडा साल में एक दो बार ही बढता है।

ओवरलोडिड पर रोक को क्या आप सही मानते है ?

ओवरलोड नहीं होना चाहिए। ओवरलोड नहीं होगा तो मेनटेनेंस भी कम होगी और सडक पर एक्‍सीडेंट भी कम होंगे।

ट्रासंपोर्ट व्यवसाय को किन मुश्किलों का सामना करना पड रहा है ?

खर्चे और डीजल के रेट लगातार बढ रहे है, लेकिन भाडा नहीं बढ रहा है।

सरकार से आप क्या चाहते हैं ?

डीजल के रेट बार बार नहीं बढने चाहिए।

युवा टांसपोर्टरो को आप क्या संदेश देना चाहेंगे ?

इस लाइन में आने के लिए मेहनत बहुत जरूरी है। मेीनत से घबराएं नहीं।

 

 

 

 

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