गाडी के लिए ऑनलाइन माल सर्च कर सकते है : transporter-trilok-singh

त्रिलोक सिंह जी लुधियाना के रहने वाले है। उन्‍हें ट्रांसपोर्टस लाइन में काम करते हुए दस साल हो गए है। त्रिलोक जी ब्रोकर का काम करते है। उनके पास पांच ट्रक है। त्रिलोक जी के अनुसार ट्रांसपोर्टस लाइन में काफी बदलाव देखने को मिल रहे है आज के समय में ट्रांसपोर्टस के ज्‍यादातर काम ऑनलाइन किए जा रहे है। अब गाडियों को माल के लिए इधर उधर भटकना नही पडता है। गाडी के लिए आनलाइन माल सर्च कर सकते है जिससे गाडी को आसानी से ऑनलाइन माल मिल जाता है। भाडे के रेट भी ऑनलाइन तय किए जा सकते है। गाडी में ऑनलाइन डीजल डलवा सकते है। अब पार्टी को पेमेंट भी ऑनलाइन कर सकते है जिससे ट्रांसपोर्टस लाइन में काफी मदद मिली है। उनका कहना है कि गाडियों में फास्‍ट टैग लगे हाेने से काफी फायदे देखने को मिल रहे है। अब गाडी को टोल के भुगतान के लिए लंबी लाइनों का इंतजार नही करना पडता है। गाडी सीधा ही टोल बैरियर से निकल जाती है। जिससे ट्रांसपोर्टस का काफी समय बच जाता है। ई वे बिल की तरह फास्‍ट टैग भी ट्रांसपोर्टस लाइन के लिए काफी फायदेमंद है। ई वे बिल के आने से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फायदा हुआ है। अब बार्डर पर गाडियों को रोक कर बार बार गाडियों को चैक नही करवाना पडता है। ई वे बिल के आने से ट्रांसपोर्ट लाइन का काम एक नंबर में हो गया है। त्रिलोक जी ने बताया कि नए मोटर व्‍हीकल एक्‍ट के लगने से सरकार ने चालान के रेट को पहले से कई गुणा कर दिए है। हेवी चालान के डर से लोग यातायात नियमों को अच्‍छे से पालन करेगे। जिससे सडक पर होने वाली दुर्घटनाओं मे कमी आएगी। त्रिलोक जी ने बताया कि इस बिजनेस में सबसे ज्‍यादा दिक्‍कत तो इस बात को लेकर आ रही है एक तो इस समय काम काफी मंदा हो गया है , फैक्‍टरियों के बंद होने से ट्रांसपोर्टस लाइन का काम काफी मंदा चल रहा है। जब तक फैक्‍टरियों का काम नही बढेगा तब तक ट्रांसपोर्टस का काम आगे नही बढ सकता है। सरकार को इंडस्‍टी में काम बढाने के लिए कुछ करना चाहिए।

 

 

 

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