पर किलोमीटर के हिसाब से भाडे का रेट तय होना चाहिए : transporter-parteek-singh
प्रतीक सिंह पंजाब के अमृतसर के रहने वाले है। इनका कहना है कि मुझे ट्रांसपोर्टस लाइन में काम करते हुए 4 से 5 साल हो गए है। इनकी उम्र 27 साल है। जब इन्होंने ट्रांसपोर्टस के काम की शुरूआत की थी तब इन्के पास अपने दो ट्रक थे अपनी मेहनत व लगन से प्रतीक ने तीन ट्रक बनाए है। प्रतीक जी ने बताया कि वे मोबाइल, कंप्यूटर और इंटरनेट का प्रयोग करता हूँ। प्रतीक सिंह जी अपना जी अपना ट्रांसपोर्टस का काम बढाने के लिए ऑनलाइन सुविधा का प्रयोग करना चाहते है। प्रतीक जी के विचार से जीएसटी लगने के बाद ट्रांसपोर्टस लाइन में काफी चेंज आया है। काम कम हुआ है ट्रांसपोर्टस का माल भाडा नही मिल पाता ट्रांसपोर्टस को और सबसे बडी परेशानी इस बात को लेकर आ रही है कि गाडियों को लोड और अनलोड करने में काफी समय की बर्बादी होती है । तीन से चार दिन तक गाडी लोड और अनलोड में समय खराब होता है। 15 दिन ही काम हो पाता है इस हिसाब से तो ट्रांसपोट्रस की गाडी खाली होगी तो ही वह रोज काम कर पाऐगा। प्रतीक ने बताया कि पहले काम बढिया था , 2014 से पहले काम बढिया था ट्रांसपोर्टस का लेकिन 2014 के बाद काम काफी मंदा पड गया है पहले डीजल का रेट 45 रूपए था अब डीजल का रेट 70 हो गया है ।। उनका कहना है कि डीजल के रेट बढने से भाडा तो बढना ही चाहिए। प्रतीक जी का मानना है कि अंडरलोड गाडी चलाना सही है। ट्रासंपोर्टस के बिजनेस में कही तरह की दिक्कतों का सामना करना पडता है, टोल टैक्स काफी बढ गए है। रोड टैक्स काफी बढ गए है। क्वाटरली टैक्स पे किए जाते है। इंश्योरेंस काफी बढ गए है। उनका कहना है कि पर किलोमीटर के हिसाब से भाडे का रेट तय होना चाहिए। गाडिया टाईम पर लोड और अनलोड होनी चाहिए। टोल टैक्स और रोड टैक्स में से एक ही तरह का टैक्स वसूल करना चाहिए।
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